scriptMedicine Scam: 26 लाख की 30,000 ग्लूकोज बोतल एक्सपायर, पत्रिका के खुलासे से मचा हड़कंप, मंत्री बोले- जवाब दो.. | Medicine scam, 30000 IV fluid bottles worth Rs 26 lakh expired | Patrika News
रायपुर

Medicine Scam: 26 लाख की 30,000 ग्लूकोज बोतल एक्सपायर, पत्रिका के खुलासे से मचा हड़कंप, मंत्री बोले- जवाब दो..

Medicine Scam: स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने पूछा है कि आखिर ये एक्सपायर कैसे हुआ? उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों से एक्सपायर दवाओं की जानकारी भी मंगाई है। पूछा है कि ये जीवनरक्षक दवाएं आखिर एक्सपायर क्यों हो रही है?…

रायपुरJul 03, 2024 / 12:00 pm

चंदू निर्मलकर

Medicine scam
Medicine Scam: डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 26 लाख रुपए की ग्लूकोज बोतल (आईवी लूड) एक्सपायर होने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने पूछा है कि आखिर ये एक्सपायर कैसे हुआ? उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों से एक्सपायर दवाओं की जानकारी भी मंगाई है। पूछा है कि ये जीवनरक्षक दवाएं आखिर एक्सपायर क्यों हो रही है? छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) से भी जवाब-तलब किया गया है। आईवी लूड का एक्सपायर होना पैसे की बर्बादी है। इसे फार्मास्यूटिकल कंपनी को वापस नहीं किया जा सकता।

Medicine Scam: पत्रिका ने किया खुलासा

Medicine Scam: डीकेएस में जो आईवी लूड एक्सपायर हुआ है, वह कैल्शियम मिक्स वाला था। ये आईसीयू में भर्ती मरीज व ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी के दौरान मरीजों को दिया जाता है। एक्सपायर बोतलों की संख्य 30 हजार है। पत्रिका ने 30 जून के अंक में मरीजों को लगानी थी स्लाइन, पड़े-पड़े लाखों की ग्लूकोज की बोतल एक्सपायर शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
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खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मामले में संझान लिया है और प्रदेशभर से एक्सपायर होने वाली दवाओं की जानकारी मांगी है। ‘पत्रिका’ की पड़ताल में पता चला है कि एक्सपायर आईवी लूड दो साल पहले दवा कॉर्पोरेशन ने अस्पताल की बिना मांग के भेजा था। ‘पत्रिका’ ने इसकी आशंका खबर में जता दी थी। पहली खेप में 30 हजार बोतल व दूसरी खेप में 6 हजार बोतल आई थी।
Medicine Scam
Medicine Scam: तब डीकेएस के स्टोर कीपर ने मना भी किया था, मरीजों के लिए इतने स्टॉक की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी कॉर्पोरेशन ने ये स्टॉक वापस नहीं मंगाया। जानकारों के अनुसार कॉर्पोरेशन ने ये स्टॉक पुश्ड मैकेनिज्म के तहत सप्लाई किया था। ऐसा वो कर सकता है, लेकिन जरूरत न हो तो आईवी लूड या दवा एक्सपायर हो जाते हैं।

सीजीएमएससी की लापरवाही नई बात नहीं, पहले भी हुई

आईवी लूड के एक्सपायर होने के मामले में सीजीएमएससी की लापरवाही दिख रही है। पत्रिका ने आशंका जताई थी कि कहीं सीजीएमएससी इसे खपाने के लिए बल्क में अस्पताल तो नहीं भेज दिया। अस्पताल प्रबंधन से बात करने के बाद यही जानकारी सामने आई कि दवा कॉर्पोरेशन की लापरवाही है।
Medicine Scam
आईवी लूड खपाने के लिए जबरिया अस्पताल में भेजा गया। ऐसा पहली बार हुआ है, ऐसा भी नहीं है। पहले भी दवाएं एक्सपायर होती रही हैं। इसके बाद भी किसी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं की गई। अस्पतालों में भी किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। 2012 में दवा कॉर्पोरेशन का गठन हुआ था। इसके बाद से दवाएं एक्सपायर होने की फेहरिस्त लंबी है।

Medicine Scam: मई में एक्सपायर, दूसरे अस्पतालों को भी सप्लाई

डीकेएस में जो आईवी लूड एक्सपायर हुआ है, उसका बैच नंबर बी22एफ058ई है। यह जून 2022 में बना था और मई 2024 तक उपयोग किया जा सकता था। यह भिवाड़ी की फार्मास्यूटिकल कंपनी में बनी है। दवा कॉर्पोरेशन ने आईवी लूड डीकेएस समेत दूसरे अस्पतालों में भी सप्लाई किया है।
इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है कि इस बैच का आईवी लूड एक्सपायर हुआ है या उपयोग के बाद खत्म हो गया है। जिलों से जानकारी आने के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकेगा। चूंकि ये कैल्शियमयुक्त स्लाइन है तो इसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व कुछ बड़े सीएचसी में उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में नियर एक्सपायरी वाला आईवी लूड उपयोग किया जा सकता था।

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