Raipur News: जग्गी हत्याकांड मामले में आया नया मोड़, याह्या ढेबर समेत पांच ने किया सरेंडर…भेजा गए जेल
नियमानुसार 15 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। कमेटी जो फीस तय करती है, वह केवल ट्यूशन फीस होती है। इसमें होस्टल, ट्रांसपोर्टेशन व अन्य खर्च शामिल नहीं होता। कॉलेजों को ये खर्च वैकल्पिक तौर पर लेना होता है। हालांकि कुछ कॉलेज दूसरे राज्यों से कम फीस होने का हवाला देकर अन्य मद की फीस भी ले रहे हैं।डीएमई रिटायर हो गए इसलिए कॉलेजों का निरीक्षण पहले ही
डीएमई व फीस विनियामक कमेटी के सदस्य डॉ. विष्णु दत्त 30 अप्रैल को रिटायर हो गए। इसलिए कमेटी के अध्यक्ष प्रभात शास्त्री ने कॉलेजों का निरीक्षण पहले ही करवा लिया। दरअसल दो साल पहले तक कमेटी में अध्यक्ष ही नहीं थे। इसलिए कोरम पूरा नहीं होने के कारण मेडिकल समेत डेंटल व दूसरे व्यवसायिक कोर्स की फीस तय नहीं हो पा रही थी। इस पर बड़ा विवाद भी हो रहा है। कुछ निजी मेडिकल कॉलेज मध्यप्रदेश के कुछ बड़े निजी कॉलेजों के अनुसार फीस ले रहे थे। फीस तय होने के बाद भी अतिरिक्त फीस नहीं लौटाई गई।कॉलेजों की सालाना फीस, वृद्धि के बाद ऐसा
कॉलेज – वर्तमान फीस – 15 फीसदी वृद्धि – कुल फीस श्री बालाजी रायपुर – 750187 – 112500 – 862687रिम्स रायपुर – 745187 – 111750 – 856937
शंकराचार्य भिलाई – 799187 – 119918 – 999105