scriptMBBS Counseling: मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग में पानी की तरह पैसे बहा रहा शासन, जानें एक छात्र का रजिस्ट्रेशन फीस… | MBBS Counseling: Student registration fee for medical-dental | Patrika News
रायपुर

MBBS Counseling: मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग में पानी की तरह पैसे बहा रहा शासन, जानें एक छात्र का रजिस्ट्रेशन फीस…

MBBS Counseling: शासन मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग में पैसे पानी की तरह बहा रहा है। सिम्स में 30 सीटें कम हुई हैं जबकि दो निजी कॉलेजों को 250 सीटें मिली हैं।

रायपुरOct 04, 2024 / 11:56 am

Laxmi Vishwakarma

MBBS Counseling
MBBS Counseling: पीलूराम साहू/शासन मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग में पैसे पानी की तरह बहा रहा है। दरअसल पिछले दो साल से एनआईसी को काउंसलिंग का ठेका दिया गया है। पिछले साल का 44 लाख व इस साल 46 लाख रुपए भुगतान किया जाएगा। इस पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि चिकित्सा शिक्षा विभाग का खुद आईटी सेल है, जो फ्री में लंबे समय से काउंसलिंग कर रहा था।

MBBS Counseling: काउंसलिंग का ठेका

वहीं, दो साल पहले चिप्स को 11 लाख में काउंसलिंग का ठेका दिया गया था। जब डीएमई कार्यालय फ्री में काउंसलिंग कर सकता है तो 46 लाख फूंकने का क्या तुक है, ये अधिकारी ही बता सकते हैं। शासन के अधिकारियों को लगता है कि मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग एनआईसी ही कर सकती है। आईटी सेल भी पारदर्शिता से काउंसलिंग कर रही थी। इसके बाद कुछ आईएएस अधिकारियों की जिद पर 2022 में चिप्स को काउंसलिंग का ठेका दिया गया।
चिप्स एक साल में ही हांफ गया और पिछले दो साल से एनआईसी केवल यूजी व पीजी का काउंसलिंग कर रही है। जबकि आईटी सेल मेडिकल पीजी, यूजी के अलावा विभिन्न नर्सिंग कोर्स की काउंसलिंग करवाता रहा है। केवल एमबीबीएस, बीडीएस, एमडी-एमएस की काउंसलिंग के एवज में 46 लाख दिए जाएंगे।

एक छात्र का रजिस्ट्रेशन पड़ रहा 802 रुपए में

इस साल एनआईसी को एक छात्र के रजिस्ट्रेशन के एवज में 801.67 रुपए दिए जाएंगे। (MBBS Counseling) नीट क्वालिफाइड 5738 छात्रों ने पंजीयन करवाया है। जबकि पिछले साल 6300 से ज्यादा छात्रों ने प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाया था। इस साल एमबीबीएस की 2130 सीटें हैं, जबकि पिछले साल 1910 थीं। यानी पिछले साल से 220 सीटें बढ़ी हैं।
यह भी पढ़ें

CG Medical College: मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को अब करना होगा ये जरूरी काम, वरना नहीं मिलेगी छुट्टी

सिम्स में 30 सीटें कम हुई हैं जबकि दो निजी कॉलेजों को 250 सीटें मिली हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बात की उम्मीद थी कि सीटें बढ़ी हैं तो पंजीयन करवाने वाले छात्र भी बढ़ेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए एनआईसी को 7 हजार छात्रों के हिसाब से दो लाख बढ़ाकर ठेका दिया गया।

सुरक्षा निधि के लिए भटक रहे छात्र, इसलिए पंजीयन में रुचि नहीं

पिछले साल की तुलना में 600 छात्रों ने कम पंजीयन कराया है। इसकी प्रमुख वजह बैंक द्वारा छात्रों की सुरक्षा निधि वापस नहीं करना है। पिछली काउंसलिंग को बीते 14 माह से ज्यादा हो गया है।
इसके बाद भी बैंक 400 से ज्यादा छात्रों के 2 करोड़ वापस नहीं कर पाया है। (MBBS Counseling) इसमें 50 से ज्यादा छात्रों के एक-एक लाख भी शामिल है। एक्सिस बैंक ने डीएमई कार्यालय को बताया है कि काउंसलिंग कराने वाली एजेंसी एनआईसी ने 6 माह में छात्रों के डेटा नहीं दिए।

पैसे वापस करने में ऑडिट की दिक्कत

MBBS Counseling: ऐसे में आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार ये डेटा स्वत: डिलीट हो गए। ऐसे में उन्हें छात्रों की सुरक्षा निधि वापस करने में दिक्कत हो रही है। हालांकि बैंक की यह बात आधा ही सच है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि बैंक के अधिकारी डीएमई के पास कई बहाने बनाते रहे। इसमें ऑडिट आपत्ति की बात भी है।
बैंक विशेषज्ञों के अनुसार छात्रों के पैसे वापस करने में ऑडिट की दिक्कत तो होनी ही नहीं चाहिए। पिछले साल काउंसिलिंग में शामिल हुए 5184 छात्रों के 21 करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए निजी बैंक द्वारा छात्रों को लौटाने थे।

Hindi News / Raipur / MBBS Counseling: मेडिकल-डेंटल की काउंसलिंग में पानी की तरह पैसे बहा रहा शासन, जानें एक छात्र का रजिस्ट्रेशन फीस…

ट्रेंडिंग वीडियो