इस दिन हजारों लोग राजिम के त्रिवेणी संगम में भी आस्था की डुबकी लगाते हैं। खारुन नदी के महादेवघाट पर पुण्य की डुबकी लगाने सुबह से दोपहर तक श्रद्धालु पहुंचते है। इस दिन स्नान-ध्यान का विशेष महत्व होता है। ऐसे में लोगों ने सुबह से ही महादेव की आराधना शुरू कर देते हैं।
Mauni Amavasya 2023 मुहूर्तः मौनी अमावस्या इस साल 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी की रात 2.25 बजे तक रहेगी।
ब्रह्म मुहूर्तः सुबह 5.27 बजे से 6.20 तक
अभिजीत मुहूर्तः दोपहर 12.11 से 12.54 बजे
गोधूलि मुहूर्तः शाम 5.48 से शाम 6.15
सर्वार्थ सिद्धि योगः दिनभर
Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या पूजा विधि
मान्यता है कि मौनी आमवस्या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर व्रत रखने वाले को चाहिए कि वह सुबह जल्दी उठ कर सबसे पहले स्नान करें, फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। मोनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें। सूर्य को जल दें।