2012 से शुरू हुआ खेल तब खत्म हुआ जब सरिता को एहसास हुआ की वह ठगी का शिकार हो चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने नौकरानियों को लगभग 35 लाख रुपये दिए थे। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से कीमती जेवर बरामद किये हैं।
जानकारी के अनुसार कृदत्त कॉलोनी निवासी महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक सरिता पति रामभवन कुशवाहा के घर वार्ड में ही रहने वाले एक महिला बासन मंडावी झाड़ू-पोछा लगाने का काम करती थी। अपनी मालकिन को बच्चे के लिए परेशान देख उसने मौके का फ़ायद उठाया और तंत्र-मंत्र के जरिए संतान सुख और उनके पति के ऊपर मंडरा रहे अनिष्ट को भी दूर करने की बात कही। सरिता उनके झांसे में आ गयी।
इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे लभग पांच साल में तंत्र-मंत्र के नाम पर उनसे 35 लाख रुपये ऐंठ लिए। इधर इन सब के बाद भी जब उन्हें संतान सुख नहीं मिला तो उन्हें समझ आने लगा कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है। 2017 में उन्होंने नौकारानी को काम से निकाल दिया और सिटी कोतवाली में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने आरोपी महिला बासन मंडावी सहित 6 लोगों के खिलाफ धारा 386, 420, 34 के तहत केस दर्ज किया। शनिवार को बासन, उसकी बहन सोनती मंडावी को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा गया। विजय ध्रुव सहित 4 लोग फरार हैं। पुलिस तलाश में जुटी है।