महादेव बुक ऐप से जुड़े हरि शंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल कर रहा था। हरिशंकर टिबरेवाल के सहयोगियों के नियंत्रण वाली भारतीय कंपनियों के पास 580 करोड़ रुपए और विदेशी कंपनियों का स्टॉक पोर्टफोलियो 606 करोड़ पाया गया है।
इसके जरिए शेयर बाजार को प्रभावित भी किया जाता था। सूरज चोखानी के कोलकाता स्थित ठिकानों में तलाशी के दौरान यह पता चला कि हरिशंकर टिबरेवाल कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर शेयर बाजार में हेरफेर में भी शामिल थे। हरिशंकर टिबरेवाल अपनी पूंजी का उपयोग कर शेयर की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव पैदा करते थे। शेयर की कीमतों को ऊपर ले जाने के बाद निवेश की गई रकम को निकाल लेते थे।
महादेव बुक सटटा ऐप से जुडे़ प्रमुख ऑपरेटरों द्वारा सिंडीकेट का संचालन किया जा रहा था। इसके अंदर कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट को शामिल किया गया था, जिसमें नए उपयोगकर्ताओं को रजिस्टर कर आईडी बनाई थी। इसकी राशि बेनामी बैंक खातों के माध्यम से हेराफेरी की जा रही थी। ईडी ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि गिरीश तलरेजा की लोटस 365 के संचालन में हिस्सेदारी थी। यह महादेव बुक की सहयोगी कंपनी है। सूरज चोखानी सट्टे की ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए गिरीश तलरेजा की मदद लेता था। इसके संचालन में सट्टे से जुड़े रतन लाल जैन उर्फ अमन और प्रमुख प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर संयुक्त रूप से भागीदार हैं।
ईडी ने महादेव बुक सट्टे की जांच करने के लिए 1 मार्च को कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान महाराष्ट्र के पुणे से संचालित होने वाली लोटस 365 की शाखा भी शामिल थीं। जांच में पता चला कि इस शाखा द्वारा प्रति माह 50 करोड़ रुपए का सट्टा चल रहा था। गिरीश तलरेजा को इस शाखा के कैश हैंडलिंग वॉट्सऐप ग्रुप के सदस्यों से सीधे जुड़े होने की जानकारी मिली है। तलाशी में गिरीश से मिले इनपुट के आधार पर छापा मारकर 1 करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए है।
ईडी को जांच में यह भी पता चला है कि हरिशंकर टिबरेवाल भी महादेव बुक के प्रमोटरों के साथ जुड़ा था। सट्टेबाजी वेबसाइट स्काई एक्सचेंज के संचालन में उसकी साझेदारी के इनपुट मिले है। वह इसके जरिए भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के माध्यम से सट्टेबाजी का संचालन कर ब्लैकमनी को व्हाइट करता था। बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद विशाखापट्टनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को भी रेकॉर्ड में लिया है।
गोवा में एक और सट्टेबाजी ऐप की लॉन्चिंग के इनपुट मिलने के बाद 4 मार्च को इस महादेव बुक सट्टा एेप को लेकर गोवा में भी तलाशी ली गई थी। यहां एक प्रमुख पैनल ऑपरेटर को एक और सट्टेबाजी बुक के लॉन्च के लिए गोवा में था। उसके पास से 48 लाख रुपए नकद मिले। इस संबंध में पैनल ऑपरेटर से पूछताछ की जा रही है। बता दें कि महादेव बुक सट्टा ऐप की जांच और तलाशी के दौरान अब तक कुल 1764 करोड़ रुपए चल संपत्ति सीज की गई है। इस समय भोपाल से गिरफ्तार किए गए गिरीश तलरेजा और कोलकाता से गिरफ्तार सूरज चोखानी को 11 मार्च तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।