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रायपुर

महादेव ऐप: बेरोजगार इंजी. खिला रहे थे ऑनलाइन सट्टा, चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में

भिलाई स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज से पास आउट बेरोजगार इंजीनियरों का दल आनलाइन गेमिंग के माध्यम से लोगों को जुआ व सट्टा खिलाने का अवैध कारोबार चला रहा था। रायपुर, भिलाई के बाद अब बिलासपुर पुलिस ने ऐसे 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे 4 लाख नगद, 2 लैपटॉप, 16 मोबाइल सहित अन्य सामान जब्त किया गया है।

रायपुरSep 28, 2022 / 03:29 pm

Mansee Sahu

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बिलासपुर। मामले का खुलासा करते हुए डीआईजी पारुल माथुर ने बताया कि महादेव, रेडीअन्ना एप से करोड़ों का सट्टा कारोबार संचालित होने की सूचना लगातार मिल रही थी। काफी प्रयास के बाद कुछ लिंक डिटेक्ट कर अपने स्तर पर जांच कर संपर्क किया गया। चकरभाठा थाना प्रभारी मनोज नायक व उनकी टीम ने आईडी खरीदने का झांसा देकर आनलाइन बैटिंग करने वालों के संपर्क किया।

एसीसीयू की साइबर टीम के साथ मिलकर चकरभाठा पुलिस ने महादेव व रेड्डी अन्ना की इंटरनेट आईडी में ओपन सोर्स सर्विसेज व टेलीग्राम के माध्यम से जानकारी एकत्र की और फोन के माध्यम से सट्टा में रुपए लगाने का झांसा देकर मुलाकात कर बिलासपुर में सट्टा आईडी बनाकर बेचने वाले मैनेजर शैलेष जायसवाल पिता केपी जायसवाल (30) निवासी सुराजी भर्रा, पेंड्रा को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में एसीसीयू व चकरभाठा पुलिस को कई सुराग हाथ लगे। पुलिस ने शैलेष की निशानदेही पर कोरबा बाकीमोंगरा निवासी विकास पिता पिता अशोक कर्ष (29) को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह राहुल ढिरही पिता हेमंत कुमार (22) निवासी अकलतरा व सोना कुमार मरावी पिता वचन (33) निवासी पोंड़ी सिरगिट्टी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया।

 

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10 हजार रुपए में बेचते थे आईडी…
आरोपी, लोगों को अपने ग्रुप में जोड़ कर उनके नंबर को आईडी में कन्वर्ट करते थे। प्रति व्यक्ति आईडी 10 हजार में बेची जाती थी। 5 हजार रुपए एक आईडी बनाने का मिलता था। कंपनी 13 से 20 हजार रुपए तक वेतन देती है। बिलासपुर के अलावा अकलतरा, जांजगीर, कोरबा, पेंड्रा सहित अलग-अलग जिलों में कई लोगों को आईडी बेची है। पुलिस ने जांच के दौरान 270 से अधिक खाते होने की जानकारी एकत्र की है।

इंजी. के अलावा अर्थशास्त्री, तकनीशियन व फार्मासिस्ट भी है ग्रुप में
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाट्सएप व टेलीग्राम में विभिन्न गेमिंग के माध्यम से महादेव व अन्ना रेड्डी ग्रुप के माध्मय से अवैध करोबार करने वाले गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इंजीनियर शैलेष जायसवाल ब्रांच मैनेजर है। इसने 13 हजार रुपए से नौकरी की शुरुआत की थी। अब उसे 20 हजार मिल रहे हैं। वर्ष 2014 बैच में भिलाई के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की है। अर्थशास्त्री विकाश कर्ष भिलाई के इसी इंजीनियरिंग कॉलेत में पढ़े 2015 बैच से हैं। विकास महादेवा एप का अर्थशास्त्री है। राहुल ढिरही ने आईटीआई पास किया है। वह एप में गेमिंग खिलाता था। सोनकुमार फार्मासिस्ट है, जो रकम लेनदेन के लिए खाता उपलब्ध कराता था।

विदेश से संचालन, ट्रेनिंग के बाद होती है ज्वाइनिंग…
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि एप व ग्रुप के संचालक विदेश में रह कर संचालन कर रहे हैं। देश में इसके कोलकाता, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान सहित अन्य जगहों पर ट्रेनिंग सेंटर हैं। ट्रेनिंग के बाद ही सदस्य की ज्वाइनिंग होती है।

ये हुआ बरामद
पुलिस ने आरोपियों से 4 लाख नगद, 2 लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन, 9 एटीएम, 3 पैन कार्ड, 6 आईकार्ड, 6 चेक बुक, 4 पास बुक, 2 बुक आहरण व जमा पर्ची बरामद की है।

महादेव व रेड्डी अन्ना एप के सहारे जिले में आन लाइन गेमिंग की आईडी के माध्यम से सट्टा लगाने की सूचना मिल रही थी। चकरभाठा व एसीसीयू टीम सूत्र तलाश कर आरोपियों तक पहुंची व उन्हें गिरफ्तार किया है। पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। मिले साक्ष्य के आधार पर 270 खाते व 22 हजार नंबरों की जांच की जा रही है।

पारुल माथुर, डीआईजी बिलासपुर

 

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