दरअसल, छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार में आए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में अपने आप को साहू समाज का हिस्सा बताया है। साहू समाज के प्रमुख नेता एचपी साहू ने नरेंद्र मोदी के बयान की कड़ी निंदा की है और कहा, उनका यह बयान ईमानदार और मेहनतकश साहू समाज का अपमान है और मोदी को समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए।
साहू समाज ने जारी प्रेस वक्तव्य में कहा है कि साहू समाज में अपने आप को नरेंद्र मोदी समाहित ना करें, क्योंकि साहू समाज नरेंद्र मोदी को अपने समाज का अंग मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा है कि साहू समाज एक मेहनतकश और ईमानदार समाज है और छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में साहू समाज की मिसाल मेहनतकश किसान, पढ़े-लिखे वर्ग और ईमानदार समाज के रूप में दी जाती है।
प्रदेश छत्तीसगढ़ साहू समाज के कोषाध्यक्ष हनुमत प्रसाद साहू ने कहा कि वहीं नरेंद्र मोदी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में बहुत बदनामी ली है। उन्होंने कहा है कि न तो साहू समाज नरेंद्र मोदी के चौकीदार अभियान का हिस्सा है और न ही साहू समाज को चौकीदार को चोर कहे जाने पर आपत्ति है। और यदि समाज का एक व्यक्ति चोर बन जाता है तो इससे पूरा समाज कतई बदनाम नहीं होता।
उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी को हम चेतावनी देते हैं कि इस प्रकार धर्म के नाम पर चुनाव प्रचार ना करें, उनके धर्म और छद्म राष्ट्रवाद के नाम के चुनाव हथकंडों को जनता पहचान चुकी है और उनके कुशासन का अंत निकट है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि धर्म के नाम पर वोट मांगने पर नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार से तत्काल प्रभाव से अलग किया जाए।
बतादें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ दौरे आए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के चौकीदार चोर है के नारे के जवाब में अपने उपनाम को छत्तीसगढ़ से जोड़ा और कहा, यहां का साहू समाज गुजरात में होता तो उन्हें मोदी कहते हैं। राजस्थान में होता तो राठौर कहते। तो सोचिए सारे साहू चोर हैं क्या।