प्रोजेक्ट में खारुन नदी के कटाव को रोकने, पाथवे बनाने, गार्डन और पौधे लगाने, नदी में गिरने वाले नालों में एसटीपी लगाने जैसे कामों को शामिल किया गया है। बता दें कि अधिकांश जगह ईंट भट्ठों के कारण नदी का तट कट चुका है। (Raipur Breaking News) महादेवघाट के करीब ही सरोना सेक्टर में नदी का तटबंध समाप्त होकर तालाब जैसा आकार ले चुका है। जबकि खारुन नदी के ओवरब्रिज तक नदी ठीक है। योजनाबद्ध तरीके से खारुन नदी के संरक्षण का काम नहीं होने के कारण हरियाली भी गायब हो चुकी और शहर के नालों की गंदगी बदहाल है। (CG News Update) क्योंकि चंदनीडीह तक शहर के नौ बड़े नाले सीधे नदी में गिरते हैं।
15 करोड़ का बजट बता दें कि राज्य सरकार ने अपने बजट में खारुन रिवर फ्रंट के लिए 15 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान प्राथमिक तौर पर किया है। (CG News Today) इसी के तहत खारुन रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की डिटेल्स रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने से लेकर साबरमती नदी के अध्ययन का प्लान बनाया जा रहा है।
5 साल पहले नदी व आसपास कई काम 5 साल पहले खारुन नदी के संरक्षण के नाम तत्कालीन सरकार के समय कई काम हुए। महादेवघाट में लक्ष्मण झूला और नदी के अमलेश्वर साइड 12 एकड़ में पार्क बनाया गया। नदी के कटाव को रोकने के लिए खारुन के ओवरब्रिज तक कांक्रीटीकरण कराया गया। (Raipur News Today) इसके अलावा नालों की गंदगी रोकने के लिए भाटागांव, निमोरा और चंदनीडीह में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, (CG Raipur News) लेकिन अभी ऐसे 6 नाले शहर की गंदगी समेटे हुए नदी में गिरते हैं।
अध्ययन दल में तीन विभाग शामिल अध्ययन दल में सिंचाई विभाग, वन विभाग और नगर निगम को शामिल किया गया है। क्योंकि खारुन नदी के काठाडीह से लेकर चंदनीडीह 25 किमी (Raipur News in Hindi) का दायरा रायपुर डिवीजन में शामिल है, जिसका अधिकांश हिस्सा रायपुर नगर निगम में है और दूसरी तरफ दुर्ग जिले में आता है।
किसानों के विरोध से रुक गया था प्रोजेक्ट साल 2015-16 में रमन सरकार की पहल पर रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा खारुन रिवर फ्रंट का प्लान बनाने के लिए वैपकॉस कंपनी को अधिकृत किया। इसी कंपनी से कमल विहार योजना का प्लान तैयार करवाया गया था। (CG Breaking News) इस कंपनी के सर्वे और डीपीआर पर लगभग 4 करोड़ रुपए खर्च नदी का संरक्षण और सौंदर्यीकरण कैसे करना है, उस पर खर्च किया। उस समय भी नदी के 25 किमी तक दोनों तरफ के 100-100 मीटर के दायरे को लिया था। परंतु उस दौरान किसानों के आंदेालन के चलते उस प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
खारुन रिवर फ्रंट को लेकर एक दौर की बैठक हुई है। तीन विभागों का एक दल साबरमती नदी के संरक्षण का अध्ययन करने जाएगा। (Raipur News) फिर पूरी प्लानिंग से चंदनीडीह तक खारुन के संरक्षण पर काम होगा।
-एमके खेलकर, एसडीओ, डिवीजन 1 जलसंसाधन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से आरडीए द्वारा खारुन रिवर फ्रंट के लिए जो सर्वे कराया गया था, उसकी रिपोर्ट मांगी गई थी। (CG Breaking News) आर्किटेक्ट कंपनी वैपकॉस की रिपोर्ट और डीपीआर की पूरी जानकारी भेज दी गई है।
-एमएस पांडेय, अधीक्षण अभियंता, आरडीए