कांग्रेस की रैली में शामिल होने CM भूपेश पश्चिम बंगाल रवाना, BJP पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात
उन्होंने सचिव को लिखा कि खरीदी में गड़बड़ी हुई है, जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। 3 महीने बाद वे दोबारा लिखते हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। अगर, अनियमितता नहीं हुई है तो दोनों में से कौन सा पत्र सही है। जवाब में आदिवासी विकास मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा, जब भुगतान ही नहीं हुआ है तो गड़बड़ी का सवाल ही नहीं उठता है।विपक्ष के दबाव के बाद दिए जांच के आदेश
मंत्री के इस जवाब में संतराम नेताम को विपक्ष का साथ मिला। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने मंत्री को घेरने की कोशिश की। कहा कि किन कारणों से कमिश्नर ने भ्रष्टाचार कहा और किन कारणों से कहा कि नहीं हुआ। अगर, कमिश्नर ने कोई पत्र लिखा है तो वह शासकीय हो गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए।
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मंत्री ने कहा कि मैं दोनों पत्रों को देख लेता हूं। इस पर संतराम नेताम और विपक्ष संतुष्ट नहीं हुए और विपक्ष ने कह दिया कि यहां अधिकारियों को बचाने का प्रयास हो रहा है। अंत में अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को कहना पड़ गया कि पत्र विवादित हो गए हैं। आप जांच के आदेश दें। तब मंत्री साय ने कहा कि सचिव स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जाएगी।