कोरोना का फैलाया था जाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) को पकडऩे एसीबी व ईओडब्ल्यू की टीम ने कोरोना का जाल फैलाया था। जीपी सिंह तक यह खबर पहुंचाई गई कि दिल्ली पहुंची एसीबी (ACB) की टीम कोरोना संक्रमित हो गई है। इस खबर से जीपी सिंह ने थोड़ी ढिलाई बरती और मौका मिलते ही टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सरकार के खिलाफ गतिविधियां
एसीबी के शिकंजे में फंसे सस्पेंडेड आईपीएस जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। उनके सरकारी बंगले से चिट्ठियां, फटे पन्ने, पेन ड्राइव मिली थी जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी। आखिरी बार बिलासपुर में देखे गए जीपी सिंह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे।
करोड़ों की मिली थी संपत्ति
जीपी सिंह भारतीय पुलिस सेवा के पहले अफसर हैं, जिन पर प्रदेश में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। 1 जुलाई को उनके सरकारी बंगले पर छापा मारा गया था। इसके साथ ही 15 अन्य ठिकानों पर कार्रवाई में 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली थी। बंगले के पीछे गटर से कई डॉक्यूमेंट्स मिले थे। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया।
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ये हो चुकी है कार्रवाई
एसीबी ने जून के तीसरे हफ्ते में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू की थी। 1 जुलाई को छापा मारा गया था, इसके बाद 3 जुलाई को जांच पूरी हुई। 10 करोड़ की संपत्ति तथा साजिशों से जुड़े दस्तावेज (Document) मिलने के बाद शासन ने 5 जुलाई 2021 को उन्हें सस्पेंड कर दिया था। उस समय से ही वे फरार चल रहे थे।