घटना के बाद पुलिस ने किडनैपरों की तलाश में प्रदेश में हुए अब तक सभी अपहरणों का अध्ययन किया और उससे जुड़े अपराधियों की हिस्ट्री खंगाली। इसके बाद उनके इलाकों में जाकर दबिश दी, लेकिन उद्योगपति सोमानी के अपहरण का पैटर्न किसी से मेल नहीं खा रहा है।
पुलिस मामले में रायपुर के किसी व्यक्ति द्वारा अपहरण कराने का ठेका देने की आशंका भी जता रही है। इसलिए पुलिस की आधी टीमें रायपुर में ही जांच में लगी है। ये टीमें किडनैपिंग करने वाले गिरोह के लोकल लिंक की तलाश कर रही है। हालांकि विधानसभा इलाके के संदेही से लगातार पूछताछ की जा रही है।
रायपुर और दुर्ग-भिलाई में हुए अपहरण के पुराने मामलों में काम कर चुके पुलिस जवानों को भी इसमें लगाया गया है। पुलिस ने जितने भी जांच टीमें बनाई है। उनमें से ज्यादातर अब वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गई है। पुलिस का दावा है कि फिरौती की सूचना उन्हें नहीं मिली है।
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