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रायपुर

Hunger Strike on Tractor Trolley: सरपंच घर-बाड़ी बेचे या कुछ और, हम नहीं जानते.. जानें किस मामले पर CMO ने कही ये बात..

Hunger Strike on Tractor Trolley: सरपंच का कहना है कि, हमें कैंपस में बैठने की अनुमति नही मिली है। बाहर सड़क किनारे गढ्ढे और पानी का जमाव था। इसलिए कैंपस के बाहर ट्रेक्टर ट्राली को धरना स्थल का मंच बना कर धरने पर बैठ गए हैं।

रायपुरSep 04, 2024 / 12:47 pm

Laxmi Vishwakarma

Hunger Strike on Tractor Trolley
Hunger Strike on Tractor Trolley: नगर पंचायत बनने के बाद ही कोपरा सरपंच की कुर्सी छीन गई थी। ग्राम पंचायत के कार्यकाल में मनरेगा के तहत जितने विकास कार्य हुए, नगर पंचायत के सीएमओ का कहना है कि इसके पैसे सरपंच देगी। अब वह घर-बाड़ी बेचे या कुछ और, हम नहीं जानते। ये पत्रिका नहीं कह रहा, पूर्व सरपंच ने ऐसा आरोप लगाया है। इसके विरोध में मंगलवार को उन्होंने गरियाबंद कलेक्ट्रेट में भूख हड़ताल का ऐलान किया था।

Hunger Strike on Tractor Trolley: कलेक्ट्रेट परिसर में भूख हड़ताल की मंजूरी नहीं

प्रशासन ने उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में भूख हड़ताल की मंजूरी नहीं दी। फिर क्या था! पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू कोपरा से ट्रैक्टर लेकर गरियाबंद पहुंच गईं। कलेक्ट्रेट के सामने रोड किनारे ट्रैक्टर खड़ी की और ट्रॉली पर बैठकर ही भूख हड़ताल करने लगीं। कुछ देर में दफ्तर के भीतर तक खबर पहुंची तो अमला हरकत में आया। (Hunger Strike on Tractor Trolley) बताते हैं कि अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कोपरा नगर पंचायत के सीएमओ श्यामलाल वर्मा को मौके पर भेजा।

हफ्तेभर का अल्टीमेटम फिर करेंगी भूख हड़ताल

पत्रिका से बातचीत में पूर्व सरपंच के साथ आए लोगों ने कहा कि कोपरा गांव से नगर बन गया है, फिर भी विकास में पिछड़ता जा रहा है। इसकी एकमात्र वजह ओछी राजनीति है। इधर, पूर्व सरपंच का कहना है कि ग्राम पंचायत के समय का 15 लाख का भुगतान बाकी है। सीएमओ से इसके भुगतान का ब्यौरा लिया है।
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उन्होंने कार्य का विधिवत पुर्नमूल्यांकन कर जल्द से जल्द भुगतान करवाने की बात कही है। मैंने एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में भी भुगतान नहीं किया गया तो फिर से भूख हड़ताल पर बैठूंगी। उन्होंने अगली बार अपने साथ मनरेगा के प्रभावित मजदूरोें और गांव के आम नागरिकों के साथ गरियाबंद कूच करने की बात कही है।
Hunger Strike on Tractor Trolley: सरपंच घर-बाड़ी बेचे या कुछ और, हम नहीं जानते.. जानें किस मामले पर CMO ने कही ये बात..

हाईकोर्ट से जीत चुकी केस अब जल्द नई बॉडी बनेगी

नगर पंचायत में गलत तरीके से पदाधिकारियों के चयन के खिलाफ पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू व 11 पंचों ने मिलनियम हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी तरफ से अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल ने मामले की पैरवी की। अधिवक्ता बघेल ने बताया कि नियमानुसार सरपंच व उनकी कार्यकारिणी को नगर पंचायत अध्यक्ष समेत नगर पंचायत परिषद की अन्य जिम्मेदारियां मिलनी थी।
दलील के बाद कोर्ट ने भी माना कि कोपरा नगर पंचायत में नियम विरुद्ध समिति बनाई गई है। (Hunger Strike on Tractor Trolley) फैसला 28 अगस्त को तत्कालीन सरपंच के पक्ष में आया। सरपंच ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश का प्रशासन ने अब तक पालन नहीं किया है।

तकादेदार अब घर आए तो ठीक नहीं

पूर्व सरपंच ने सीएमओ से कहा कि मनरेगा के तहत जितने भी मजदूरों का पैसा रोका है, उन्हें तत्काल भुगतान करवाओ। इसके अलावा निर्माण सामग्रियों से जुड़ा लंबित भुगतान भी तत्काल हो। उन्होंने ये भी कहा कि तकादेदार दोबारा मेरे घर आए और बताया कि नगर पंचायत से उन्हें मेरे घर भेजा गया है तो ठीक नहीं होगा।
इस तरह की सड़ी राजनीति करना न प्रतिनिधियों को शोभा देता है और न ही इसमें उनका सहयोग करने वाले अफसरों को। सीएमएओ ने पूर्ण भुगतान का आश्वासन देते हुए उन्हें पानी पिलाया और उनकी भूख हड़ताल खत्म की।
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मेरे घर लेबर, मिस्त्री क्यों भेजे जा रहे हैं: योगेश्वरी

Hunger Strike on Tractor Trolley: पत्रिका से बातचीत में पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू ने कहा, कोपरा 6 अक्टूबर 2023 को ग्राम से नगर पंचायत बना। इसके दो महीने बाद तक पंचायत मद से विकास के काम हुए। सीएमओ को तभी नगर पंचायत का चार्ज विधिवत दिया जा चुका था। पंच-सरपंच को नगर परिषद की बॉडी में शामिल करने के बजाय संचालन समिति बनाई गई।
इसमें भाजपा नेताओं को जगह दी। विकास कार्य में खर्च हुए 15 लाख का भुगतान रोक दिया। (Hunger Strike on Tractor Trolley) मैं पूछती हूं कि पेमेंट के लिए लेबर, मिस्त्री को मेरे घर भेजने का क्या मतलब? उनसे ये तक कहा गया है कि सरपंच अपनी घर-बाड़ी बेचकर तुम्हें पैसे देगी। मैं ऐसा क्यों करना चाहिए? जिम्मेदारों को इसका जवाब देना होगा।

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