सवाल उठता है कि ऐसे में निगम प्रशासन सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से कैसे राहत दिलवाएगा। ऐसी कोई सड़क नहीं जहां दोनों तरफ ठेले-खोमचे नहीं लग रहा। इससे हमेशा आधी सड़कें घिर जाती हैं। जबकि जिम्मेदारों का दावा तो ये था कि शहर स्मार्ट सिटी के अनुरूप होगा। सड़कों के किनारे, गुमटी लगाकर या ठेलों में घूम-घूमकर छोटे-छोटे कारोबार करने वालों के लिए एक निश्चित जगह में सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएंगे। ताकि उनकी रोजी-रोटी प्रभावित न हो, परंतु वेंडर जोन बनाने के मामले में निगम प्रशासन नाकाम रहा है। नतीजा, हर सड़क पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। शाम के समय ऐसी प्रमुख सड़कों के किनारे मेले जैसा माहौल नजर आता है। उस दायरे से लोगों का निकलना मुश्किल होता है। शहर के मुख्य जीई रोड पर ही सरस्वती नगर थाने के करीब से लेकर अनुपम गार्डन चौक तक एक जैसे हालातों का सामना हर दिन लोगों को करना पड़ता है। यदि वेंडर जोन बना दिए गए होते तो ऐसी िस्थतियां निर्मित नहीं होतीं।
सबसे पहले गाज इन्हीं छोटे कारोबारियों पर
हैरानी ये है कि जब मन होता है तो निगम प्रशासन का अमला सबसे पहले खासतौर पर त्योहारी सीजन में ठेले-खोमचे वालों को निशाना बनाता है। ट्रैफिक जाम की दुहाई देते हुए संयुक्त रूप से अभियान चला दिया जाता है। इसी तरह जब भी शहर में कोई बड़ा मूवमेंट होता है, जब भी ऐसे छोटे कारोबारियों पर ही बेदखली की गाज गिरती है। उनका सामान जब्त कर मोटा जुर्माना वसूला जाता है।
सिर्फ बड़े-बड़े दावे, फरवरी 2021 में वेंडिंग जोन बनाना तय था
रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का काम 2015-16 से चल रहा है। आज ऐसी िस्थति है। इस दौरान बड़े-बड़े दावे किए गए कि शहर के चारों तरफ वेंडर जोन बनाकर ठेले-खोमचे वालों को शिफ्ट करेंगे। सड़कों पर छोटे-छोटे कारोबार करने वालों के सुव्यवस्थित प्रबंधन के लिए गठित नगर विक्रय समिति जिसमें यातायात पुलिस और योजना प्राधिकरण के सदस्य शामिल थे। इस समिति की अनुशंसा पर 8 फरवरी 2021 को नगर निगम क्षेत्र में 13 वेंडिंग जोन और निगम के जोन-02 में चार नाइट चौपाटी बनाने की स्वीकृति दी गई। यह पूरा प्लान तब से निगम के फाइलों में धूल फांक रहा है और सड़कों पर ट्रैफिक जाम के हालात हैं। यह भी दावा था कि ऐसे 29 वेंडिंग जोन का निर्माण नगर निगम कराएगा।
शहर में ऐसे 6 हजार के करीब कार्ड बनाया
शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से शहर में सर्वे कर गुमटी, ठेले, खोमचे पर कारोबार करने वालों का सर्वे कराया गया। ऐसे करीब 6 हजार लोगों का कार्ड बनाया गया। परंतु नगर निगम इन वेंडर्स को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करा सका।
इन जगहों पर आकार लेना था वेंडिंग जोन
जयस्तंभ के करीब जोन क्र. 2 के वार्ड 36 में सिंधी मार्केट मौदहापारा और एमजी रोड के चारों लिंकिंग रोड लक्ष्मी स्टेशनी गली, पंजाब एवं सिंध बैंक गली, मौदहापारा थाना के सामने और गली नंबर 04 गुजराती स्कूल गेस्ट हाउस रोड में वेंडिंग जोन बनेगा। इन चारों जगहों पर नाइट चौपाटी संचालित होगी।
– जोन 4 में पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड 35 के केनाल रोड के बाजू अहिल्या बाई होलकर चौक एवं डॉ. विपिन बिहारी सूर वार्ड 64 के कैलाशपुरी ढलान से मारवाड़ी श्मशान घाट मार्ग तक।
0 जोन क्र. 10 में गुरु घासीदास वार्ड 49 के एक्सप्रेस वे तेलीबांधा थाना रोड से शीतला माता नर्सरी तक वेंडिंग रोज की जगह तय की गई।
0 इसी तरह भाठागांव, आमानाका, कोटा, रामनगर, फाफाडीह और देवेंद्रनगर, मोवा पंडरी, खमतराई ओवरब्रिज के नीचे वेंडिंग जोन बनाकर व्यविस्थत करना था।
राजेश गुप्ता, उपायुक्त एवं शहरी आजीविका मिशन प्रभारी ने कहा कि नगरीय प्रशासन से फंड नहीं मिलने के कारण वेडिंग जोन पर कोई काम नहीं हुआ है। शहर में ऐसे 29 वेंडिंग जोन बनाने की योजना का प्रस्ताव तैयार है, 13 स्थानों की जगह भी तय है। फंड स्वीकृत होने पर ही काम होगा।