History of Bastar: असिस्टेंट प्रोफेसर ओमप्रकाश सोनी ने दिखाई बस्तर के इतिहास की झलक
पेशे से असिस्टेंट प्रोफेसर ओमप्रकाश सोनी कहते हैं कि मैं बस्तर की सही तस्वीर लोगों तक पहुंचाना चाहता था। इस कारण पूरे बस्तर संभाग में घूम-घूमकर आदिवासियों के 100 से अधिक मेलों को अपने फोटोग्राफ और वीडियो में कैद किया और अलग-अलग प्लेटफॉर्स पर साझा किया। अपनी फोटोग्राफी व लेखन से बस्तर के इतिहास (History of Bastar)की झलक दिखाई।
ओमप्रकाश ने बताया कि दस्तावेजीकरण के साथ बस्तर की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला और फिर लगा कि बस्तर की संस्कृति को अन्य लोगों तक पहुंचाना होगा क्योंकि यहां के तीज-त्योहार और परंपराएं बहुत अनोखी हैं, जिसे सभी को जानना चाहिए। यहां के मंदिरों और मूर्तियों का इतिहास लोगों को बताने के लिए उन्होंने वीडियो और फोटोग्राफ से शुरुआत की और आज बस्तर में उनकी अलग पहचान बनी हुई है।
Good News for Youth: साय सरकार की अनोखी पहल! युवाओं के लिए अपग्रेड होंगे प्रदेश के 160 ITI, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर गुमनाम पर्यटक स्थलों की दी जानकारी
History of Bastar: ओमप्रकाश सोनी ने यहां के कई गुमनाम पर्यटन केंद्र जैसे हांदावाड़ा जलप्रपात, झारालावा, फुलपाड, मलंगीर, बीजा कसा की जानकारी लोगों को दी, जिनके बारे में लोगों को कम जानकारी थी। उन्होंने बस्तर के इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य पर कई रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए।