मगर, शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर कहा है कि वे एनजीटी, नई दिल्ली के आदेश का पालन करना सुनिश्चित करें। यानी अब कलेक्टरों को ही निर्णय लेना है कि पटाखे बिकेंगे या फिर नहीं। इधर, रायपुर कलेक्टर ने जिले में चीनी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
कोरोना से पटाखा की आपूर्ति कम होने से दुकानों की संख्या घटी, पर कारोबार अच्छा होने की उम्मीद
वर्तमान में 23000 कोरोना एक्टिव मरीज हैं। जिनमें से 3300 अस्पतालों में और २० हजार के करीब होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण का जो स्तर वर्तमान में है, उससे कई-कई गुना बढ़ेगा। जो सांस लेने में तकलीफ के साथ गले में खरास पैदा करेगा।
यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग की क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की रायपुर व छत्तीसगढ़ इकाई और नागरिक संघर्ष समिति ने भी पटाखों पर प्रतिबंध की पुरजोर मांग की है। क्योंकि हर कोई यह जानता है कि प्रदूषण कोरोना के खतरे को बढ़ा देगा। सूत्रों की मानें तो पर्यावरण संरक्षण मंडल का पत्र शनिवार तक कलेक्टर-एसपी को मिलेगा। संभव है कि शनिवार या फिर रविवार तक बड़ा फैसला कलेक्टर ले लें।
चीनी पटाखे जब्ती के आदेश
रायपुर कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने जिले में चीनी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, अवैध रूप से पटाखा दुकान लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए एसडीएम को निर्देश दे दिए हैं। मगर, रायपुर समेत सभी जिलों में दुकानदारों को लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं, जगह का भी आबंटन जारी है।
अभी पर्यावरण संरक्षण मंडल से एनजीटी के आदेश की कॉपी नहीं आई है। आदेश पर अध्ययन करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। मेरी सबसे अपील है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पटाखें न फोड़े।
-डॉ. एस. भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर
एनजीटी के आदेश से सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को अवगत करवा दिया गया है। आदेश के मुताबिक निर्धारित अवधि में पटाखे न जलाए जाएं। आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए।
-एसके तिवारी, सदस्य, सचिव, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल