‘पत्रिका’ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण मंडल और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सरकार को अनुशंसा की गई है कि अभी हालात नियंत्रण की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। अगर, पटाखे फूटेंगे तो निश्चित तौर पर वातावरण प्रदूषित होगा। जो कोरोना मरीजों के साथ-साथ वर्तमान में सामान्य व्यक्तियों के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि 80 प्रतिशत मरीजों में लक्षण नहीं दिखाई देते। न जाने कितने संक्रमित हैं, मगर उन्हें पता ही नहीं है।
उधर, पर्यावरण मंडल और स्वास्थ्य विभाग ने प्रदूषण न हो, इस दिशा में जागरूकता को लेकर काफी तैयारियां कर रखी हैं। अपील करते हुए बैनर-पोस्टर बना लिए गए हैं। सरकार की अनुमति मिलते ही इन्हें जगह-जगह लगाया जाएगा। गौरतलब है कि ‘पत्रिकाÓ की इस मुहिम के साथ हर वर्ग के लोग आ खड़े हुए हैं। डॉक्टर व अस्पताल की संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं और अब तो खुद स्वास्थ्य विभाग ने पटाखों पर प्रतिबंध की वकालद कर दी है।
8 महीने की मेहनत बेकार चली जाएगी
डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा, एसीआई में कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, रायपुर हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता समेत सभी डॉक्टर मानते हैं कि पटाखों में हानिकारक रसायन का इस्तेमाल होता है। जो स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर कोरोना मरीजों कों। अगर, प्रतिबंध नहीं लगता है या फिर सरकारी नियंत्रण नहीं रहता है और प्रदूषण से जानें जाती हैं तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी? कोरोना नियंत्रण को लेकर जो ८ महीने की मेहनत है, वह कहीं बेकार न चली जाए। ठोस निर्णय की आवश्यकता है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र ने दिए 53.5 करोड़
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य एवं सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि केंद्र ने राज्य को प्रदूषण नियंत्रण के लिए 53.5 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। इसमें से 27.5 करोड़ रुपए रायपुर, 26 करोड़ रुपए दुर्ग और भिलाई नगर पालिका निगम को आबंटित किए गए हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने विदेशी पटाखों पर लगाया प्रतिबंध
मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौर में विदेशी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को इससे संबंधित आदेश सरकार ने जारी कर दिया। जिसमें उल्लेख है कि कलेक्टर विदेशी पटाखे बेचते हुए पाए जाने वाले व्यापारियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। मेड इन इंडिया पटाखों और अतिशबाजी की सामग्री बेची जा सकती है।
आदेश के मुताबिक बिना मास्क वाले व्यक्ति को पटाखे न बेचे जाएं, 125 डेसीबल से अधिक आवाज वाले पटाखे नहीं बेचे जा सकते, पर्यावरण संरक्षण मंडल पटाखों से हो रहे प्रदूषण की जांच करें, ब्रांडेड कंपनी ही पटाखे बेचे जाएं। हालांकि जानकारों का मानना है कि पटाखों की बिक्री पर ही प्रतिबंध लगाया जाना उचित होगा।
निश्चित तौर पर वर्तमान में कोरोना महामारी की जो स्थिति राज्य में बनी हुई है, उसे देखते हुए पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगना ही चाहिए। मैंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है।
डॉ. कमलेश जैन, राज्य नोडल अधिकारी, क्लाइमेट चेंज, स्वास्थ्य विभाग
कोरोना महामारी के म²ेनजर प्रदूषण नियंत्रण में रहे, इस दिशा में कवायद जारी है। मैं अपनी कुछ बता नहीं सकता, मगर प्रदूषण बढऩे नहीं देंगे।
-आरपी तिवारी, सदस्य, सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल