राहत की खबर: बीते 21 दिनों में हर दिन कमजोर पड़ता गया कोरोना वायरस
रेलवे के रिजर्वेशन स्टेटस के अनुसार लगातार ट्रेनों से आवाजाही बढ़ती है। इसलिए पीक सीजन जैसा एकस्ट्रा कोच लगाया जा रहा है, ताकि यात्रियों का टिकट कन्फर्म हो सके। अभी नवरात्रि पर्व शुरू होने के बाद चली ट्रेनों में यात्रियों को दबाव बना हुआ है। सबसे अधिक यात्रियों की भीड़ बिलासपुर और पटना के बीच चल रही पूजा स्पेशल ट्रेन में है। इस ट्रेन में एक एकस्ट्रा कोच लगाना पड़ा है। इस ट्रेन में नवंबर महीने में केवल दो दिन 20 और 27 नवंबर को सेकंड एसी और थर्ड एसी कोच में कन्फर्म टिकट मिल रहा है।तीन गुना आबादी वाले MP से छत्तीसगढ़ में एक्टिव केस ज्यादा मगर डेथ रेट कम
अमरकंटक एक्सप्रेस खाली
दुर्ग से भोपाल के बीच चलने वाली अमरकंटक ट्रेन ऐसी है, जिसमें सभी श्रेणी के कोच की सीटें खाली हैं। केवल एक दिन 24 अक्टूबर को स्लीपर कोच में आरएसी 80 के करीब है। इसलिए एकस्ट्रा कोच शुक्रवार को लगाकर चलाना पड़ा। बाकी दिनों महीनेभर तक इस ट्रेन में बर्थ खाली बना हुआ है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 83.7 प्रतिशत, 24 घंटों में ठीक हुए 1,852 मरीज
एसी कोच में मारामारी की स्थिति
रायपुर जंक्शन से चल रही पूजा स्पेशल ट्रेन में सबसे अधिक मारामारी की स्थिति एसी कोच के टिकट के लिए मची हुई है। सारनाथ एक्सप्रेस में फर्स्ट एसी कोच में जहां 28 अक्टूबर तक वेटिंग बनी हुई है। वहीं सेकंड और थर्ड एसी कोच में आरएसी की स्थिति है। इसके बावजूद इस ट्रेन में एसी कोच की संख्या नहीं बढ़ाई गई। स्लीपर के एकस्ट्रा कोच लगाकर यात्रियों का टिकट कन्फर्म करने का तरीका कोरोनाकाल में अपनाया गया है।