इसलिए लगाया जाता वैक्स साधारण फलों को वैक्सिंग के जरिए महंगे दामों पर बेचना आम बात है। इससे लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं। उसने बताया कि ऐसे फलों पर कई बार स्टिकर लगाकर उसे इम्पोर्टेड बताया जाता है। इस तरह से सेम क्वालिटी के फलों को अलग-अलग दामों पर बेचना आसान होता है। विशेषज्ञ फलों पर लगाए जाने वाले स्टिकर्स पर मौजूद गम को भी सेहत के लिए खतरनाक मानते हैं।
ऐसे होगा बचाव -चमकते फल या सब्जियां खरीद लिया है तो उसे गर्म पानी में डुबाएं।
– कपड़े से अच्छी तरह से साफ करें इससे वैक्स कोटिंग काफी हद तक साफ हो जाएगी।
– अट्रैक्टिव रेड दिखने वाले प्रोडक्ट को न खरीदें।
– इम्पोर्टेड के नाम पर बिकने वाले प्रोडक्ट की जगह देसी आइटम खरीदें।
चलाया जाएगा अभियान फलों और सब्जियों में मिलावट को लेकर एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से प्रदेश और राजधानी के बाजारों में जांच कर फल और सब्जियों को जब्त किया जाएगा। संदेह पर इनके सैंपल भी लैब भेजे जाएंगे। – रमेश शर्मा, कंट्रोलर, फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट
लिवर-किडनी के लिए भी नुकसानदेह फलों व सब्जियों को चमकाने के लिए जहां वैक्स का इस्तेमाल होता है, वहीं आम, केला और पपीता जैसे फलों को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है। रसायन युक्त मोम लगा या कार्बाइड से पका फल खाने से शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है। यह लीवर और किडनी के लिए भी नुकसानदेह होता है। – डॉ. मनोज लाहोटी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट