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जानकारी के मुताबिक नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक पूरे राज्य में नेत्रदान सप्ताह मनाया गया। पखवाड़े का मूल उद्देश्य दृष्टिहीनता को घटाकर वर्ष 2020 तक 0.3 प्रतिशत पर लाना है। इस अभियान में एनएचएम की संचालक प्रियंका शुक्ला सहित धमतरी के कलेक्टर रजत बंसल, बलोदा बाजार के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल सहित सीईओ धमतरी विजय दयाराम, अपर कलेक्टर धमतरी दिलीप अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर धमतरी एचएल गायकवाड़, सिविल सर्जन रायपुर डॉ. रवि तिवारी, पूर्व कुलपति आयुष विश्वविद्यालय डॉ. एके चंद्राकर, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एसएल आदिले, पूर्व अधिष्ठाता डॉ. पीके मुखर्जी, डॉ. टीएन मेहरोत्रा, संचालक महामारी डॉ. आरआर साहनी, राज्य कार्यक्रम अधिकारी नेत्र विभाग डॉ. सुभाष मिश्रा, विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग डॉ. एमएल गर्ग, उप संचालक डॉ.राजेश शर्मा, पूर्व उप संचालक डॉ. बीके दास सहित 42 अन्य अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र एक साथ भरा। इस साल नेत्रदान पखवाड़े में 31 हजार 207 लोगों ने नेत्रदान का संकल्प लिया। यह संख्या राज्य में अब तक की सर्वाधिक संख्या है।महिला की संदिग्ध हालत में हुई मौत, हत्या का जुर्म दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
एनएचएम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने लिया संकल्पराष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सामूहिक नेत्रदान की घोषणा की। पखवाड़े में मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ डॉ. प्रियंका शुक्ला के साथ उप संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ सुरेंद्र पामभोई, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक उर्या नाग के अलावा अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी नेत्रदान करने का संकल्प पत्र भरा ।
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पखवाड़े के दौरान हुए दस नेत्रदान25 अगस्त से 8 सितंबर के बीच मनाए गए इस नेत्रदान पखवाड़े की सबसे खास बात यह भी रही अन्य सालों की तुलना में इस बार सबसे अधिक नेत्रदान हुए। पखवाड़े के दौरान कुल 10 लोगों का मरणोपरांत नेत्रदान किया गया। हर साल राज्य में 300 के करीब नेत्रदान किए जाते हैं। इस पखवाड़े में सभी लोगों से जीवन में कम से कम एक नेत्रदान कराने का भी संकल्प लिया गया है।
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वर्जन-एनएचएम की एमडी और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने एक साथ नेत्रदान करने का संकल्प लेकर एक मिशाल पेश की है। इससे लोगों को नेत्रदान के प्रति प्रेरणा मिलेगी।
– डॉ. सुभाष मिश्रा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी नेत्र विभाग
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