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रायपुर

Exodus Of Doctors: छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों को रास नहीं आ रही सरकारी नौकरी, अब तक 400 से अधिक ने छोड़ी नौकरी…जानिए वजह

Exodus Of Doctors: प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पिछले 5 साल में 400 से ज्यादा डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इसमें नियमित से लेकर संविदा डॉक्टर शामिल हैं।

रायपुरJun 18, 2024 / 09:07 am

Khyati Parihar

Exodus of doctors
Exodus Of Doctors: प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पिछले 5 साल में 400 से ज्यादा डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इसमें नियमित से लेकर संविदा डॉक्टर शामिल हैं।

दरअसल मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन एनएमसी केवल फैकल्टी देखती है। चाहे वह रेगुलर हो या संविदा। मान्यता पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में स्वशासी समिति से डॉक्टरों को नियमित करने का नियम है। साथ ही हर साल वेतन में 10 फीसदी इंक्रीमेंट होता है। यही नहीं समय पर प्रमोशन भी होता है।
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यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के डॉक्टर मध्यप्रदेश पलायन करने लगे हैं। जिन डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी है, उनमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेसीडेंट से लेकर जूनियर रेसीडेंट शामिल हैं। मेडिकल कॉलेजों की मान्यता में इन सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। पिछले सालों में स्वास्थ्य मंत्रियों के पास ये मामला उठ चुका है कि डॉक्टर लगातार नौकरी छोड़ रहे हैं। इसलिए वेतन से लेकर जरूरी सुविधाओं में वृद्धि करने की जरूरत है। डॉक्टरों ने मध्यप्रदेश के नियमों का पालन करते हुए सुविधा देने की मांग भी की। इसके बाद भी कोई पहले नहीं की गई।

Exodus Of Doctors: 7 साल पहले आया था नियमित करने का प्रस्ताव

सात साल पहले जरूर संविदा डॉक्टरों को नियमित करने का प्रस्ताव आया था, लेकिन यह भी मामला अटक गया। दरअसल नियमित डॉक्टरों ने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस पर अभी तक कोई विचार भी नहीं किया जा रहा है। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध आंबेडकर अस्पताल में नियमित व संविदा डॉक्टर लगातार नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। मार्च में कई सीनियर डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी है। पिछले तीन साल से पीएससी से नियमित भर्ती भी नहीं हुई है। इस कारण असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद भी खाली है।

Exodus Of Doctors: वेतन व नियमितीकरण का अध्ययन करने बनेगी कमेटी

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, वेतन तय व नियमितीकरण करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में डॉक्टरों को दिए जा रहे वेतन व नियमितीकरण के प्रावधानों का भी अध्ययन करेगी। कमेटी को एक माह में रिपोर्ट देनी होगी। कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव के अलावा मेडिकल कॉलेजों के डीन, सीनियर प्रोफेसर, वित्त विभाग व स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी शामिल रहेंगे।
मंगलवार को विधानसभा में स्पीकर व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य सुविधा व मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी पर बैठक की थी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल व डिप्टी सीएम विजय शर्मा शामिल हुए थे। डॉ. रमन के निर्देश पर ही स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।

Exodus Of Doctors: इन डॉक्टरों ने छोड़ी नौकरी

  • डॉ. संदीप चंद्राकर प्रोफेसर, जनरल सर्जरी
  • डॉ. संतोष पटेल, एसो. प्रोफेसर नेत्र रोग
  • डॉ. तान्या छौड़ा, असिस्टेंट प्रोफेसर, कार्डियक सर्जरी
  • डॉ. चंदनदास, असिस्टेंट प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी
  • डॉ. संजय कुमार, एसो. प्रोफेसर, रेडियोलॉजी
  • डॉ. अंजना निगम, एसो. प्रोफेसर सर्जरी
  • डॉ. अभिषेक तिवारी, असिस्टेंट प्रोफे. ऑर्थोपीडिक
    इसके अलावा सीनियर व जूनियर रेसीडेंट ने नौकरी छोड़ी है

Exodus Of Doctors: मेडिकल कॉलेजों में पद इस तरह रिक्त

पद – स्वीकृत – रिक्त
प्रोफेसर – 235 – 111
एसो. प्रोफेसर – 395 – 183
असि. प्रोफेसर – 556 – 338
सीनियर रेजिडेंट – 402 – 286
डेमोंस्ट्रेटर – 301 – 122
मेडिकल कॉलेजों में कुछ फैकल्टी की कमी है, जिसे वॉक इन इंटरव्यू से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। पीएससी से नियमित भर्ती होने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भरने में मदद मिलेगी।

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