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रायपुर

मॉर्निंग वाक पर निकले इंजिनियर की अचानक मौत, इस हाल में मिली लाश… देखकर कांप उठा परिवार

Chhattisgarh News : राजधानी में रविवार को दिल के इस खेल का एक और उदाहरण देखने को मिला। नवा रायपुर में आयोजित मैराथन में दौड़ रहे 46 साल के एक इंजीनियर की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

रायपुरDec 18, 2023 / 08:25 am

Kanakdurga jha

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Raipur News : एक दौर था जब 60-70 साल के लोगों को हार्टअटैक आता था, लेकिन अब उम्र की कोई सीमा नहीं रही। कम उम्र वालों को भी चलते-फिरते हार्ट अटैक हो रहा है। राजधानी में रविवार को दिल के इस खेल का एक और उदाहरण देखने को मिला। नवा रायपुर में आयोजित मैराथन में दौड़ रहे 46 साल के एक इंजीनियर की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
वे मुश्किल से 3 किमी ही दौड़ पाए थे। दूसरी ओर इसी दौड़ में हिस्सा ले रहे 68 साल के रिटायर्ड आईएएस ने 21 किमी तक दौड़ लगाई। कम उम्र में इंजीनियर की मौत से पूरा परिवार सदमे में हैं। बताया जाता है कि वे रोज सुबह मॉर्निंग वॉक भी करते थे।
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पुलिस के मुताबिक टाटीबंध के मारुति इंक्लेव निवासी गजानंद इंगले (46) अपने साथियों के साथ मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने गए थे। मैराथन नवा रायपुर के एकात्म पथ में सुबह 4 बजे से शुरू हुआ था। गजानंद और उनके साथी 6 किमी दौड़ कैटेगिरी में हिस्सा ले रहे थे।
उनकी दौड़ करीब 7 बजे शुरू हुई। वे दौड़ते हुए करीब 3 किमी ही पहुंचे थे। फिर वे अचानक सड़क पर गिर पड़े। उनके सीने में दर्द हो रहा था। उनके साथी मौके पर पहुंचे। कुछ क्षण बाद वे बेहोश हो गए। उन्हें सीपीआर भी दिया गया। डॉक्टर और एंबुलेंस बुलाया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक उन्हें हार्टअटैक आया था। गजानंद सारडा कंपनी में इंजीनियर थे। मूलत: महाराष्ट्र के रहने वाले थे। राखी पुलिस ने मर्ग कायम किया है।
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रोज सुबह करते थे मॉर्निंग वॉक

कॉलोनी के लोगों के मुताबिक गजानंद रोज सुबह करीब 1 घंटा वॉकिंग करते थे। सेहत को लेकर काफी जागरूक भी थे। मैराथन में हिस्सा लेने के लिए उनके कई साथी गए थे। उन्हें 6 किमी की दौड़ में हिस्सा लिया था। मृतक की एक बेटी है और पत्नी गृहणी है। उनके माता-पिता भिलाई रहते हैं।
दूसरी ओर ऐसा नजारा
मैराथन में दौड़ते हुए एक ओर 46 साल के इंजीनियर की हार्टअटैक से मौत हो गई, तो दूसरी 68 साल के रिटायर्ड आईएएस दिनेश श्रीवास्तव ने 21 किमी की दौड़ पूरी की। इसके अलावा कई उम्र दराज लोगों ने भी मैराथन में हिस्सा लिया था। उन्होंने अपने टारगेट को पूरा किया।
अचानक दौड़ना ठीक नहीं
सामान्यतः मैराथन में लोग रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अचानक दौड़ने निकल जाते हैं। इससे हार्ट की धड़कन बढ़ जाती है और अगर कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉक हो, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इससे मौत भी हो सकती है। इंजीनियर के मामले में ऐसा ही होने की आशंका है। मैराथन के पहले जरूरी है कि धीरे-धीरे दौड़ने की प्रेक्टिस करें। इससे हार्ट को एडजस्ट होने में मदद मिलेगी। अचानक दौड़ने से हार्ट एडजस्ट नहीं हो पाता और सामान्य दिनों की तुलना में उसे ज्यादा काम करना पड़ता है।
यह भी एक कारण

डॉक्टरों के मुताबिक जीवन शैली में बदलाव व धूम्रपान करने के कारण कम उम्र में ही हार्ट अटैक होने लगा है। हार्ट सम्बंधित बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि फास्ट या जंक फूड के बजाय पौष्टिक खानों को महत्व दें। जहां तक हो सके तंबाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन न करें। नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
ये सावधानी बरतें

-35 वर्ष या इससे अधिक हैं, तो ट्रेड मिल टेस्ट जरूर कराएं। इससे हार्ट के ब्लॉकेज का पता चल जाता है।
– मॉर्निंग वॉक या मैराथन में कभी भी अचानक ना दौड़े। धीरे-धीरे दौड़ने से इसकी शुरुआत करें।
– हार्ट की धड़कन सामान्य रूप से 80 बीट प्रति मिनट होती है, लेकिन अचानक दौड़ने से बढ़कर 150 से 170 बीट प्रति मिनट के स्तर पर पहुंच जाता है। इससे हार्ट रेट और बीपी भी बढ़ जाती है। हार्ट की नसें ब्लॉक होने पर हार्ट अटैक की आशंका अधिक हो जाती है।
राजधानी केस भी चौंकाने वाले

राजधानी में 46 साल के इंजीनियर की हार्टअटैक की मौत से ज्यादा चौंकाने वाले मामले भी सामने आ चुके हैं। एक 34 साल के रेडियोलॉजिस्ट की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। 27 साल की महिला को भी हार्ट अटैक आया था। हालांकि उसकी जान बचा ली गई थी। उसे गंभीर हालत में आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने इलाज से उसकी जान बचा ली थी। पिछले साल पचपेड़ीनाका स्थित एक बड़े निजी अस्पताल के 34 साल के रेडियोलॉजिस्ट को हार्ट अटैक आया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी।

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