Heavy Rain in CG: दो दिनों की बरिश ने मचाया कहर, नदी नाले उफान पर, जगह-जगह पानी भरा तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा राज्यों से संपर्क कटा
बस्तर जिले में तीन दिन से जारी अनवरत बारिश से
बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी, सुकमा जिले में शबरी व नारायणपुर में माडि़न नदी ऊफान पर हैं। दंतेवाड़ा में डंकिनी नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है। इन तीन जिलों का उनके सीमावर्ती राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश व ओडिशा से संपर्क कटा हुआ है। कोंटा के कुछ जगह पर मुख्य मार्ग पर भी आवाजाही नाव के जरिए की जा रही है। बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में पचास से अधिक मकानों के ध्वस्त होने की खबर है। अभी भी सुकमा का सड़क सम्पर्क जगदलपुर, कोंटा, जगरगुंडा से कटा हुआ है।
सुकमा के कोंटा में कई किमी का इलाका जलमग्न है।
ग्रामीण इलाके तक आवागमन के साधन नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां मट्टीमारका गांव चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। तीन दिन से यहां पहुंचने दिक्कत हो रही है। यहां कई पुल पर पानी होने से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। वहीं नारायणपुर जिले का कोंडागांव से सडक सम्पर्क आज दूसरे दिन भी कटा रहा।
40 से अधिक गांवों का संपर्क टूटा
बालोद जिले में लगभग 18 घंटे हुई तेज बारिश से जिले के नदी नाले उफान पर हैं। वहीं लगभग 40 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। खरखरा जलाशय ओवरफ्लो हो गया। ग्राम भिरई में स्थित बांध लबालब भर गया और ओवरफ्लो हो गया। खेतों एवं नालों से आ रहा पानी गांव में घुस गया। लगभग 60 घरों में बारिश का पानी घुस गया। इस विकासखंड के 23 स्कूलों में भी बारिश का पानी भर गया, जिससे बच्चों को छुट्टी दे गई।
70 गांवों का संपर्क कटा
खैरागढ़ में 15 साल के बाद बाढ़ की स्थिति बनी। आमनेर नदी का जलस्तर बढऩे से खैरागढ़ नगर में पानी घुस गया। आधा दर्जन वार्डों में पानी भरने से लोग मुसीबत से घिर गए। वहीं खैरागढ़-राजनांदगांव-कवर्धा रूट पर आवाजाही बंद हो गई। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में निर्माणाधीन एनएच का एप्रोच रोड फिर से बह जाने से 70 से ज्यादा गांव मुख्यालय से फिर कट गए हैं। बाढ़ से प्रभावित हुए लगभग 100 लोगों को अलग-अलग कैंप में ठहराया गया है। मोंगरा बैराज से 72000 क्यूसेक, सूखानाला बैराज से 43000 क्यूसेक, घुमरिया नाला से 11914 क्यूसेक और खातूटोला से 20,208 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांवों में भी मुनादी गई है।
शिवनाथ का रौद्र रूप
जोरदार बारिश के चलते मंगलवार को दुर्ग शिवनाथ नदी एक बार फिर अपने रौद्र स्वरूप में पहुंच गई। इससे महमरा सहित जिले के सभी एनीकेट जलमग्न हो गए। शाम को राजनांदगांव मार्ग पर शिवनाथ का पुराना पुल भी जलमग्न हो गया। यह स्थिति कैचमेंट एरिया में निरंतर बारिश व राजनांदगांव के जलाशयों से एकमुश्त 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण बनी है। एक ही दिन में इतना ज्यादा पानी छोडऩे की स्थिति पहली बार बनी है। इससे चलते शिवनाथ का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे देर शाम तक शिवनाथ के अपनी सरहद छोड़कर तटीय गांवों तक पानी पहुंच जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।