छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल को जो पत्र लिखा है, इसमें कई गंभीर आरोप है। उनका कहना है कि वे एमबीबीएस करने के बाद नीट पीजी क्वालिफाई करने के बाद पीजी करने आए हैं। ताकि वे इस विषय में पारंगत हो सकें। परंतु छात्रों को बाबू समझा जाता है। उन्हें सुबह से शाम तक केवल एक कमरे में बिठाकर कार्यालयीन पत्र टाइप कराया जाता है। उनकी अस्पताल में भी पोस्टिंग नहीं की जाती। न ही उन्हें किसी मरीज को देखने दिया जाता है।
जबकि एनएमसी के अनुसारर मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, ऑब्स एंड गायनी व अन्य विभागों में पोस्टिंग लगाई जानी चाहिए। एचओडी अपने फायदे के लिए बाहरी स्त्रोतों से बहुत से प्रोजेक्ट लाकर छात्र-छात्राओं के ऊपर थोप दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट में एचओडी को भरपूर आर्थिक फायदा होता है। इसमें वे परिवहन व अन्य खर्चों के लिए छात्र-छात्राओं से भी वसूला जाता है। शिकायत करने पर बार-बार उन्हें परीक्षा में फेल करने की धमकी भी दी जाती है। इससे छात्र परेशान हो चुके हैं।
CG Medical College: मंत्री के रिश्तेदार होने की धौंस देकर धमकी
पत्र में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत जायसवाल का भी जिक्र है, जिसमें मंत्री के रिश्तेदार होने की धौंस दी जाती है और एचओडी से मिलीभगत कर छात्रों को धमकाते रहते हैं। इस मामले में पत्रिका ने जब डॉ. प्रशांत से बात की तो उन्होंने शिकायत करने वाले छात्रों के नाम पूछे। नाम नहीं होने की बात कहने पर जीएडी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि बिना नाम के शिकायती पत्रों को इंटरटेन नहीं करना है। इसके बाद वे कहने लगे कि छात्राें की जो भी शिकायत हो, जांच होनी चाहिए। वे कभी भी छात्रों को नहीं धमकाए हैं।
पत्र में ये भी शिकायतें
- नियमित क्लास नहीं लगना।
- एकेडमिक क्रियाकलाप नहीं होना।
- हिंदू छुट्टियों के दिन कॉलेज बुलाना।
- बिना कार्य स्टूडेंट को देर रात तक बिठाकर रखना।
- विभागीय यात्रा के लिए पैसे वसूलना।
- कोई भी चिकित्सीय कार्य न करवाना।
- शिकायत करने पर फेल करने की धमकी देना।
एचओडी पीएसएम नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉ. निर्मल वर्मा ने कहा – विभाग में एक फैकल्टी है, जो झूठी शिकायतें करते रहते हैं। उनकी भी जांच होनी चाहिए। जहां तक हिंदू त्योहारों पर छुट्टी नहीं देने की बात है तो कई बार इमरजेंसी ड्यूटी लग जाती है। अब गुमनाम पत्र के बारे में ज्यादा क्या बोला जाए?