तीन गुना आबादी वाले MP से छत्तीसगढ़ में एक्टिव केस ज्यादा मगर डेथ रेट कम
स्वामी इंदुभवानंद के अनुसार शनिवार को अष्टमी तिथि सुबह 11.28 बजे पूर्ण होकर नवमी तिथि प्रारंभ होगी। ज्योतिष शास्त्र एवं धर्म शास्त्र के अनुसार महानवमी का व्रत एवं चण्डिका पूजन सिद्धिदात्री पूजन होगा। निर्णयसिन्धु एवं धर्मसिन्धु के अनुसार महानवमी तु पूर्वयुता ग्राह्या अर्थात् नवमी तिथि पूर्वविद्धा अष्टमी युता ही ग्रहण करना चाहिए। विजयादशमी में विशेष रूप से दुर्गा विसर्जन, अपराजिता पूजन, शमी पूजन, नीलकंठ दर्शन एवं विजय यात्रा के विशेष उत्सव का अवसर है।राहत की खबर: बीते 21 दिनों में हर दिन कमजोर पड़ता गया कोरोना वायरस
कल सुबह 11.14 बजे से दशमी तिथि
इस वर्ष विजयादशमी तिथि 25 अक्टूबर रविवार को सुबह 11 बजकर 14 मिनट से प्रारम्भ होकर दूसरे दिन सोमवार को 11 बजकर 33 मिनट तक है। धर्मसिंधु में ऐसा मत प्राप्त है कि विजयादशमी सदा नौमी युक्त मानना ही श्रेष्ठ है। इसलिए मां दुर्गा का विसर्जन और शस्त्र पूजन का पर्व विजयदशमी रविवार को है। सोमवार को केवल विजय यात्रा का मुहूर्त है।