यह भी पढ़ें: दूसरी लहर ने छत्तीसगढ़ में ध्वस्त किए सारे रिकॉर्ड, एक दिन में पहली बार मिले इतने ज्यादा मरीज अभी तक देवी मंदिरों में जोरशोर से नवरात्रि पर्व की तैयारियां चल रही थी। मनोकामना ज्योत के लिए पंजीयन किए जा रहे थे। जिला प्रशासन ने सख्त गाइडलाइन जारी की है। अब तो पूरा रायपुर जिला 9 से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। इसी बीच 13 अप्रैल से नवरात्रि पर्व प्रारंभ। लेकिन, कोरोना की रफ्तार को देखते हुए मंदिर समितियों ने भक्तों की मनोकामना ज्योत नहीं जलाने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें: बोर्ड परीक्षा को लेकर हुए बड़े बदलाव: कोरोना संक्रमण के बीच ऐसे होंगे एग्जाम, गाइडलाइन जारी क्योंकि नौ दिनों तक 24 घंटे ज्योत कलश की देखरेख करने में बाहर से सेवादारी बैगा परिवारों को बुलाना पड़ता है। भक्तों को भी बारी-बारी से दर्शन कराना पड़ता। जो कोरोना के गहरे संकट के कारण संभव नहीं हो रहा है। ऐसे में जितने लोगों ने अभी तक मनोकामना ज्योत का पंजीयन कराया था, उसे अगले शारदीय नवरात्र पर्व के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। पिछले साल चैत्र नवरात्रि पर्व की ही आस्था ज्योत इस बार के शारदीय नवरात्रि में प्रवज्लित की गई थी।
यह भी पढ़ें: देश में महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में मिले रिकॉर्ड मरीज, इस जिले में हुआ कोरोना विस्फोट ज्योत पंजीयन करना भी बंद
राजधानी के प्रमुख सिद्धपीठ महामाया मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सचिव ललित तिवारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने सख्त गाइड लाइन जारी किया है। सभी तरह के धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिसका पालन करते हुए भक्तों की मनोकामना ज्योत नहीं, केवल प्रधान ज्योत ही प्रज्वलित करने की परंपरा पूरी करेंगे। गुुरुवार से मनोकामना ज्योत का पंजीयन भी बंद कर दिया जाएगा। इसी तरह रावाभाठा बंजारी धाम, आकाशवाणी कालीमाता मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी।