डेंगू में डॉक्टर की सलाह से लें दवाएं
बुखार, शरीर में दर्द और मसल्स का खिंचाव दूर करने के लिए अक्सर लोग मेडिकल दुकानों से दवाएं ले लेते हैं, जो घातक साबित हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिन रोगियों को पहली बार डेंगू होता है, यह बुखार उन लोगों के लिए उतना अधिक खतरनाक नहीं होता है, जितना अधिक खतरा उन रोगियों के लिए होता है, जिन्हें यह बुखार पहले भी हो चुका है। डेंगू शरीर की हड्डियों को खोखला और कमजोर करता है।
इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलें
– यदि बुखार के दौरान या बिना बुखार के भी रोगी को सांस फूलने की समस्या हो रही हो।
– रोगी की प्लेटलेट्स चेक कराते रहना चाहिए। कई बार बुखार उतरने के 3 से 4 दिन बाद भी रोगी की प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।
मरीज की घर पर ऐसे करें देखभाल
– डेंगू का फीवर 102 या इसके आसपास है तो मरीज के माथे पर तब तक सादे पानी की पट्टियां रखें, जब तक शरीर का ताप कम ना हो जाए।
– मरीज के कमरे में हल्की रोशनी और ताजी हवा का पूरा इंतजाम करें।
– मरीज के बेड पर मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। घर के अन्य सदस्य भी मच्छरों से बचाव के लिए हर संभव तरीका अपनाएं। ताकि मच्छर रोगी को काटने के बाद परिवार के अन्य लोगों में यह बीमारी न फैला सकें।
– मरीज के कपड़े नियमित रूप से बदलें। हाथ-पैर धोने या नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।