इस बार सिविक एक्शन प्लान सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, गरियाबंद, महासमुंद और अंबिकापुर में किया जाएगा। इसके तहत स्थानीय लोगों को घरेलू सामान, चिकित्सा सुविधा, दवाएं, पेयजल, खेल सामग्री, पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूलों में कम्प्यूटर, कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं। स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्र का निर्माण भी सिविक एक्शन प्लान में शामिल है। आयोजनों का वार्षिक कैलेंडर भी तैयार कर लिया गया है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीआरपीएफ ने करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
गांव को गोद लिया
केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इस कार्यक्रम के लिए करीब 300 गांव और मजरो-टोलों को गोद लिया है। सुरक्षा बल यहां के लोगों की समस्याओं को सुलझाने में मदद करते हैं। सीआरपीएफ ने प्रत्येक कैंप प्रभारी को २-३ गांव गोद लेने का निर्देश दिया हुआ है।
स्थानीय लोगों की मदद करने और विश्वास का भावना जागृत करने के लिए सिविल एक्शन प्लान चलाया जा रहा है। इससे माओवाद समाप्त करने के साथ ही लोगों को मुख्यधारा में जोडऩे में मदद मिल रही है।
बिधानचंद्र पात्रा, सीआरपीएफ प्रवक्ता