यह भी पढ़ें: राजधानी में कोरोना का खतरा फिर बढ़ा, 24 घंटे में मिले इतने ज्यादा मरीज
उधर, स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं राज्य महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है कि बस्तर संभाग में खतरा बना हुआ है, वहां विशेष निगरानी रखी जा रही है। सैंपलिंग, टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि संख्या में गिरावट दर्ज होगी।अप्रैल से जुलाई के बीच बढ़े केस
जनवरी 2021 में संक्रमित मरीजों की संख्या 3 लाख के पार पहुंची थी। अप्रैल में 4, 5, 6 और 7 लाख के पार संख्या जा पहुंची थी। मई में 8 लाख और 9 लाख लोग संक्रमित हो चुके थे। अब जुलाई में यह आंकड़ा 10 लाख के पार जा पहुंचेगा। यानी अप्रैल से जुलाई के बीच 4 महीनों में 6 लाख लोग संक्रमित होंगे।
यह भी पढ़ें: विदेश जाने वाले 28 दिन में लगवा सकते हैं कोविशील्ड की दूसरी डोज, पहले करना होगा ये काम
रिकवरी रेट सर्वाधिक
अभी प्रदेश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर यानी की रिकवरी रेट सर्वाधिक 98.1 प्रतिशत पर है। 5 हजार से भी कम एक्टिव मरीज हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत होम आईसोलेशन में हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के बीच अब इस बीमारी ने पसारा पांव, जानिए इसके लक्षण और बचाव
स्वास्थ्य मंत्रालय के दल ने जानी हकीकत
राज्य में रोजाना 300 से अधिक मरीजों के मिलने को केंद्र सरकार ने संक्रमण में वृद्धि मानते हुए एम्स रायपुर के विशेषज्ञों का एक दल गठित किया। जिसने 6 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की, बलौदाबाजार जिले का दौरा किया। 7 और 8 जुलाई को बस्तर संभाग में दल पहुंचा। जहां जमीन पर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति देखी। मरीजों के बढ़ने की वजह तलाशी। यह दल केंद्र को जल्द रिपोर्ट करेगा। सूत्रों के मुताबिक इन्होंने पाया है कि पड़ोसी राज्यों से लगातार बेरोकटोक आवाजाही संक्रमण के फैलाव की वजह बन रही। यहां अपेक्षाकृत जांच भी कम हो रही हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग भी नियमानुसार नहीं हो रही है।
सबसे ज्यादा मरीज वाले टॉप 5 जिले
रायपुर 157332, दुर्ग 96267, बिलासपुर 65133, रायगढ़ 62196, जांजगीर चांपा 56886