हद ये कि महीनेभर से निगम की गाड़ियां गोकुलनगर-काठाडीह, आमानाका रेलवे क्रासिंग और मोवा साइंस सेंटर के पास ढेर लगा रही है, उस पर कोई रोक नहीं। निगम की दो से तीन एजेंसियों की जिम्मेदारी शहर की सफाई और कचरा उठाने की है। इस काम में हर महीने करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब होता है। इसके बावजूद कचरा डंपिंग वाले रहवासी क्षेत्रों के लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।
जिस तरह कचरे का पहाड़ महीनेभर में काठाडीह रोड के किनारे लगा दिया गया है। वैसा ही आमानाका रेलवे क्रासिंग के 50 मीटर के दायरे में भी निगम की कचरा गाड़ी डंप कर रही है।
भैंसथान में नहीं फहराएगा तिरंगा शहर के भैंसथान में हर साल आजादी का जश्न मना करता था, वहां की बदहाली के कारण इस बार लोगों ने उत्सव नहीं मनाने का फैसला लिया है। नगर निगम उस ग्राउंड की सफाई और समतलीकरण कराकर लाइट और पथवे निर्माण आदि कराकर पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ ओलंपिक कराया था।
वह जगह बदहाल हो चुकी है। आसपास का मलबा भैंसथान की जगह में फेंका जा रहा है। वसंत तिवारी का कहना है, निगम के जोन 7 से मात्र 200 मीटर की दूरी पर भैंसथान की दुर्दशा अधिकारी व कर्मचारियों को दिखाई नहीं देती है। ऐसे में भैंसथान में ध्वजारोहण उत्सव नहीं हो पाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है। शहर में कहीं भी कचरा डंप की संख्त मनाही है। यह निर्देश सभी जोन कमिश्नरों को दिया गया है। जहां-जहां डंप हुआ है, वहां से दो दिन के अंदर उठवाकर संकरी ग्राउंड भेजवाया जाएगा। -नागभूषण राव, अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग निगम