Chhattisgarh News: 8.57 करोड़ बच्चों की जांच
वर्ष 2021 के लिए भारत में 6 वर्ष तक के सभी बच्चों की अनुमानित जनसंख्या 16.10 करोड़ है। पोषण ट्रैकर के जून 2024 के आंकड़ों के अनुसार, 8.91 करोड़ बच्चे (0-6 वर्ष) आंगनबाड़ी केन्द्रों में नामांकित हैं, जिनमें से 8.57 करोड़ बच्चों का विकास मापदंडों पर मापन किया गया।CG Hospital: खून कितना पतला… जांचने वाली मशीन खराब, रिपोर्ट आ रही गलत
ये हैं बौनेपन के कारण
- – सबसे आम कारणों में से एक है ऐकोन्ड्रोप्लेजिया, जो एक आनुवांशिक विकार है।
– ग्रोथ हार्मोन की कमी भी बौनेपन का कारण बन सकती है।
– गर्भावस्था के दौरान या बचपन में कुपोषण से भी बच्चा बौना रह सकता है।
– कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में भी बौनापन हो सकता है।
– 13.34% बच्चों का वजन औसत से रहता है कम।
निशक्तजन की श्रेणी में बौनापन शामिल
केन्द्र सरकार ने बौने कद के व्यक्तियों की पीड़ा को समझते हुए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का दायरा बढ़ाया है। इसमें 21 प्रकार की दिव्यांगता को स्वीकृति देतेे हुए बौनेपन को इसमेें शामिल कर लिया है। इसके बाद बौने व्यक्तियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। बौनापन विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए अभ्यर्थी का चार फीट दस इंच अथवा इससे कम ऊंचाई का होना जरूरी है।बोलते आंकड़े
राज्य – दुबलापन( 0 से 6 वर्ष ) – अल्प वजन (0 से 6 वर्ष ) – ठिगनापन (0 से 5 वर्ष ) गुजरात – 38.95 – 23.02 – 9.16छत्तीसगढ़ – 17.83 – 13.34 – 8.92
मध्यप्रदेश – 40.49 – 27.59 – 8.46
राजस्थान – 35.6 – 17.02 – 6.24
उत्तरप्रदेश – 45.13 – 19.46 – 5.07
दिल्ली – 39.39 – 12.58 – 7.87
भारत – 35.6 – 17.02 – 6.00