यह भी पढ़ें: बिजली विभाग में 1500 लाइनमैन की भर्ती, 10वीं पास इस तारीख से कर सकेंगे आवेदन
शहर का ट्रैफिक दबाव होगा कम
आईएसबीटी शुरू होने शहर में चलने वाली सिटी बसों के साथ ही प्राइवेट बसों का संचालन भी आइएसबीटी से किया जाएगा। इससे दीगर शहरों से आने वाले यात्रियों को शहर में अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में सिटी बस या आटो आसानी से मिल जाएंगे। अंतरराज्यीय बस स्टैंड बनने के बाद दूसरों राज्यों और शहरों से चलने वाली लंबी दूरी की बसों को शहर के अंदर एंट्री नहीं दी जाएगी। इससे शहर की सडक़ों पर से हर दिन 500 से अधिक बसों का दबाव कम होगा। बसें कम होने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी।
यहां की बसें आएंगी आईएसबीटी में
बिलासपुर, बलौदाबाजार, ओडिशा, अंबिकापुर, कवर्धा और राजनांदगांव की ओर से आने वाली बसें रिंग रोड से सीधे इस बस स्टैंड पर पहुंचेंगी। रायपुर से आगे जगदलपुर या गरियाबंद की ओर जाने वाली बसें रिंग रोड से होकर शहर के आउटर से ही इन शहरों के लिए रवाना होंगी।
इन शर्तों पर ऑपरेटरों को दुकानें आवंटित
भाठागांव स्थित नए अंतरराज्यीय बस स्टैंड में ऑपरेटरों को भूतल में 16 दुकानें आंवटित की गई है। इसका उपयोग दफ्तर और बुकिंग काउंटर के लिए करने के निर्देश दिए गए है। किसी भी तरह का अन्य कमर्शियल उपयोग करने पर आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी गई है। बताया जाता है कि बस स्टैण्ड शुरू होने के संकेत मिलने के बाद बस मालिकों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें: नौकरी का सुनहरा मौका: 10वीं-12वीं पास को मिलेगा काम, मीटर रीडिंग में ठेकेदारी प्रथा होगी बंद
सभी को सूचना दी गई
यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने बताया कि पुराने बस स्टैण्ड स्थित दफ्तर को जल्दी ही खाली कर नए टर्मिनल में शिफ्ट होंगे। यहीं से बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए सभी ऑपरेटर तैयार है। पंडरी बस स्टैंड से किसी भी तरह की गतिविधियां संचालित नहीं की जाएगी। सभी को सूचित कर दी गई है।
बुकिंग एजेंटों का विरोध
वहीं नए बस स्टैंड परिसर से बुकिंग एजेंटों को बाहर करने की मांग यातायात महासंघ द्वारा की गई है। संगठन के पदाधिकारियों ने टिकट काउंटर के लिए अलग से जगह देने का विरोध किया है। इसकी अवहेलना करने पर प्रर्दशन करने की चेतावनी दी गई है।
मरम्मत में ही 15 लाख रुपए खर्च
पिछले दो साल से वीरान पड़े आईएसबीटी असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका था। शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता था। फिर वहां लगे खिड़की-दरवाजे,लाइट आदि को तोडफ़ोड़ करते थे। इस तरह से पूरा परिसर की लाइट और खिड़की-दरवाजों की नए सिरे से मरम्मत कराई जा रही है। जिसमें निगम को करीब 15 लाख रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। इसके अलावा बरसात में होने वाले जलभराव को दूर करने के लिए पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है।