अगर मामला न्यायालय में गया तो वहां नए मोटर यान कानून के तहत आरोपित जुर्माना देना होगा। वहीं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, केंद्र का कानून लागू तो हो गया है, लेकिन कानून कुछ बातों को तय करने का अधिकार राज्य सरकार को देता है। मामला विधि विभाग को भेज दिया गया है। मंगलवार को उनकी बैठक के बाद राज्य सरकार फैसला करेगी।
विशेष महानिदेशक आरके विज ने शनिवार शाम मीडिया के सामने नए कानून के लागू होने की जानकारी दी थी। खबर प्रकाशित होने के बाद कांग्रेस के कई पदाधिकारियों और मंत्रियों ने जुर्माना बढ़ाने का विरोध किया। उनका कहना था, चार साल पहले हेलमेट पर जुर्माना बढऩे पर पार्टी ने सरकार का विरोध किया था। सूत्रों का कहना है कि परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पुलिस अधिकारियों को फोन कर अपनी नाराजगी जताई और जुर्माने की दर शिथिल करने का निर्देश दिया। उसके बाद तय हुआ कि जुर्माने और समझौते शुक्ल की राशि पुराने दर से वसूली जाएगी। मामले के न्यायालय जाने पर वहां केंद्रीय कानून के प्रावधान लागू होंगे। मतलब आपका मामला पुलिस के पास नहीं सुलझा तो 10 गुना अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त डी रविशंकर ने बताया कि नया केंद्रीय मोटरयान अधिनियम प्रदेश में लागू हो गया है। अब जुर्माना और समझौता शुल्क की दर राज्य सरकार को तय करना है। इसकी अधिसूचना जारी होने तक पुरानी दर लागू रहेगी।
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