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छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कई बार हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने कहा,आज सभी वर्गों के लोग सरकार से पीडि़त हैं। मंत्रीमंडल के सभी सदस्य भ्रष्टाचार में लिप्त है। जब भी इतिहास लिखा जाएगा, इस सरकार के 14 साल के इतिहास को काले अध्याय में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए निगम-मंडलों में बैठा दिया है। जल-जंगल जमीन बेच दिया गया। खेती का रकबा घट गया। किसान मजदूर बनकर रह गए। गरीबों का राशनकार्ड कट गया और पेंशन बंद हो गई। शराब ब्रिकी पर निशाना साधते हुए कहा कि कितने शर्म की बात है कि सरकार ने युवाओं को नशे के दलदल में धकेल दिया है। सरकार शराब बेच रही है। जबकि मंत्रालय में भी झाडू लगाने का काम भी छत्तीसगढ़ के लोगों को नहीं मिल रहा है। बडी़ संख्या में किसान व आम नागरिक मौत को गले लगा रहे हैं और सरकार जश्न मना रही है।
अमर के बयान पर हंगामा : मंत्री अमर अग्रवाल ने सीडी कांड पर कहा, राजनीति का चरित्र इतना गिर गया है कि लोगों को सीडी बनानी पड़ती है। चरित्र हत्या की इतनी घिनौनी कोशिश पहले कभी नहीं देखी। इस टिप्पणी से सदन में हंगामा व नारेबाजी हुई। इस बीच मंत्री चंद्राकर की टिप्पणी पर नेता प्रतिपक्ष भी नाराज हो गए। उन्होंने कहा, बहुमत है तो दादागिरी नहीं चलेगी। आपके पास पुलिस है, तो मरवा दोंगे। आसंदी के हस्तक्षेप के बाद विवाद थमा।
विपक्ष के अविश्वास पर बोले CM – 14 सालों में नहीं देखा इतना लचर प्रस्ताव
चंद्राकर ने कहा- एक पानी से रबड़ी, तो दूसरा बिना पंजीयन के टिकट बांट रहा
सं सदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कांग्रेस और जनता कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एक पानी से रबड़ी बनाने की कोशिश कर रहा है और दूसरा पार्टी का पंजीयन हुए बिना प्रत्याशी घोषित कर रहा है। किसी भी राजनीतिज्ञ का जन्म और जाति का इतना विवाद नहीं है, जितना हमारे यहां के एक राजनीतिक का है। पार्टी के रजिस्ट्रेशन का पता नहीं और 25 टिकट बांट दिया गया। उन्होंने कहा, भूपेश बघेल अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। कुर्मी समाज की सभा में सीएम प्रोजेक्ट हो रहे है। इस बीच मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने पूछा, आपका मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस पर बघेल ने कहा, जिसे विधायक दल तय करेगा वही सीएम बनेगा। टेबल ठोकते हुए हुए कहा, मेरी जिम्मेदारी बहुमत लाने की है और मैं वह लाकर रहूंगा। उमेश पटेल द्वारा 2003 और 2007 में शिक्षाकर्मियों से संविलियन के प्रश्न का जवाब देते हुए चंद्राकर ने कहा, घोषणा पत्र कोई संवैधानिक दस्तावेज नहीं है, जितना हो सकता है उतना पूरा करेंगे।