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रायपुर

मानसून सत्र: हंगामा और संशोधन पर मत विभाजन के बाद चंदूलाल मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण बिल पारित

CG Assembly Monsoon Session: दुर्ग स्थित स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण संबंधित बिल हंगामा, आरोप-प्रत्यारोपों और 3 घंटे तक चली तीखी नोक-झोंक के बाद अंतत: विधानसभा में पारित हो गया।

रायपुरJul 30, 2021 / 09:49 am

Ashish Gupta

chhattisgarh vidhan sabha assembly

विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आखिर क्यों भड़का विपक्ष, भाजपा विधायक हुए निलंबित

रायपुर. CG Assembly Monsoon Session: दुर्ग स्थित स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण संबंधित बिल हंगामा, आरोप-प्रत्यारोपों और 3 घंटे तक चली तीखी नोक-झोंक के बाद अंतत: विधानसभा में पारित हो गया। छात्र हित और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को आधार बनाते हुए सरकार कॉलेज का अधिग्रहण करने जा रही है। इसके संचालन में सालाना 142 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ कॉलेज, परिसर और उपकरणों का अधिग्रहण हो रहा है। बाकि की लेनदारी प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (CG Health Minister TS Singhdeo) ने इस बिल को सदन के पटल पर रखा। जिस पर चर्चा करते हुए सबसे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह विधेयक कंपनी के डायरेक्टरों के हितों को पूरा करने के लिए लाया गया है। राज्य में 50 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज, स्कूल, उद्योग बंद हो चूके हैं। कल को इनके मालिक आकर कहें कि सरकार अधिग्रहण कर ले तो क्या सरकार करेगी? इसलिए विधेयक को लाने का कोई औचित्य नहीं।

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पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने कहा कि अनुपूरक बजट से यह स्पष्ट हो गया कि राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके बाद भी कर्ज में डूबे मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहण किए जाने की योजना कैसे बन गई? इस कॉलेज को एनएमसी मान्यता नहीं दे रही है, जिसे रूंगटा प्रबंधन ने 35 करोड़ रुपए एडवांस देकर खरीदा, मामला कोर्ट में ऐसे विवादित कॉलेज का अधिग्रहण गलत है। धोखाधड़ी का आरोप भी लग चुका है। डॉ. रमन ने कहा कि अगर छात्रों के हित में निर्णय लेना है तो 55 छात्रों को दूसरे मेडिकल कालेज शिफ्ट किया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह जल्दबाजी में लाया गया बिल है। दुर्ग जिला अस्पताल को अपग्रेड किया जा सकता है। इस विषय पर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह, कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम, देवेंद्र यादव, अरुण वोरा, विनय जायसवाल और जकांछ विधायक देवव्रत सिंह ने बातें रखीं। जबाव में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यपाल की अनुमति से हम सदन में विधेयक लाए हैं। हर लोकसभा सीट पर कॉलेज खुले, सरकार की यही मंशा है। विपक्ष हंगामा करता रहा और अंत में यह बिल पारित हो गया।

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सिंहदेव ने सदन में कहा, जय-वीरू की जोड़ी साथ तो आपको तकलीफ हो रही है
विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब देते हुए सिंहदेव ने कहा, ‘आप लोग बहुत जय-वीरू, जय-वीरू कहते थे। अब आपको जय-वीरू साथ दिखाई दे रहे हैं तो आपको तकलीफ हो रही है’। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी, और अब दूसरा उसे लागू करने में सहयोग कर रहा है। चर्चा के दौरान भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि मैं आपको जय-वीरू की जोड़ी बोलूं, या वीरू-गब्बर की। आपको पता है न की जय का क्या हश्र हुआ? इस पर तत्काल सिंहदेव ने कहा कि इस जय का वैसा हाल नहीं होगा।

संशोधन पर करवानी पड़ गई वोटिंग
भाजपा बृजमोहन द्वारा विधेयक के 3 बिंदुओं पर संशोधन रखा गया। इसमें कॉलेज के कर्मचारियों का शासकीयकरण और कॉलेज की देनदारियों के भुगतान से संबंधित था। सभापति देवव्रत सिंह ने कहा, जो सदस्य इसके पक्ष में हैं वे ‘हां’ कहें, तो सत्तापक्ष ने ‘हां’ कह दिया। जिस पर तत्काल बृजमोहन ने कहा डिवीजन…। 2 बार इसी प्रकार हुआ। जबकि सत्तापक्ष को ‘ना’ कहना था। डिवीजन का मतलब मतविभाजन हो। इसके बाद अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मतविभाजन की प्रक्रिया शुरू की। जिस पर संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में 16 और विरोध में 56 वोट पड़े। संशोधन अमान्य हो गया। जकांछ के विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने कांग्रेस जबकि धरमजीत सिंह और रेणु जोगी ने भाजपा के पक्ष में वोटिंग की।
प्रस्ताव पारित होने के बाद अगले 2 चरण- 1- विधेयक राज्यपाल के पास जाएगा। उनके हस्ताक्षर होंगे। 2- फिर गजट नोटिफिकेशन किया जाएगा।

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बिल की प्रमुख बातें
– सरकार द्वारा एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी तो तमाम मूल्यांकन कार्य करेगा।
– कॉलेज के सालाना संचालन में 142 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
– सरकार ने फिलहाल कॉलेज के कर्मचारी-अधिकारियों के शासकीयकरण से इंनकार कर दिया है।
– कॉलेज स्वशासी मद से चलेगा या अन्य किसी व्यवस्था से यह तय होगा।

सरकार ने ये कहा
– मेडिकल कॉलेज के संचालन में साल में सिर्फ 140 करोड़ का वित्तीय भार आएगा
-अधिग्रहण से आधी से भी कम कीमत पर मेडिकल कॉलेज का अच्छा इन्फ्रास्ट्रचर मिलेगा
-मेडिकल कॉलेज में कोरोना की दूसरी लहर में 5000 लोगों की जान बचाई जा सकी थी।
– कॉलेज के अधिग्रहण से 186 छात्रों का भविष्य खराब होने से बच जाएगा।
-अधिग्रहण से 750 बेड बढ़ जाएंगे, मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़कर 1370 हो जाएगी।
-मेडिकल कॉलेज से प्रदेश को हर वर्ष 150 डॉक्टर मिलेंगे

विपक्ष ने ये कहा
-विधेयक कंपनी के डायरेक्टरों के हितों को पूरा करने के लिए लाया गया है
-राज्य में 50 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज, स्कूल बंद हो चुके हैं,क्या सरकार सभी का अधिग्रहण करेगी।
-मेडिकल कॉलेज को एनएमसी मान्यता नहीं है
-मामला कोर्ट में है, ऐसे विवादित कॉलेज का अधिग्रहण गलत है
-55 छात्रों को दूसरे मेडिकल कालेज शिफ्ट किया जा सकता है

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