CGPSC Examinations: जारी आदेश के मुताबिक, आयोग के अध्यक्ष को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को देय वेतन के समान मानदेय की पात्रता होगी। आयोग के सदस्य एवं सदस्य सचिव को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को देय वेतन के समान मानदेय की पात्रता होगी। रायपुर प्रवास के दौरान वाहन-आवास व्यवस्था और खान-पान व्यवस्था लोक सेवा आयोग के नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस पर होने वाला सम्पूर्ण व्यय छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग वहन करेगा। बता दें कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में सीजीपीएससी की परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए पहल करने का वादा किया था।
कांग्रेस सरकार पर लगाया था गड़बड़ी करने का आरोप भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नेताओं और अधिकारियों में सांठगांठ से भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया था। भाजपा ने इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाकर इसकी कांग्रेस सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। भाजपा ने सीजी पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष पर अपने रिश्तेदारों का चयन का आरोप लगाया था।
नेताओं, अधिकारियों के रिश्तेदारों का चयन 11 मई 2022 को पीएससी ने रिजल्ट जारी किया था। इसके बाद भाजपा ने अभ्यर्थियों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर इसकी जांच की तो कई गड़बडि़यां सामने आईं। सही उत्तर लिखने वाले को कम नंबर और गलत उत्तर लिखने वाले को ज्यादा नंबर दिए गए थे। भाजपा ने जारी रिजल्ट की सूची में ज्यादातर कांग्रेस के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों के रिश्तेदारों के चयन करने का आरोप लगाया था। भाजपा नेताओं ने दावा करते हुए कुछ लोगों के नाम भी जारी किए थे। सीजीपीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर सिंडिकेट बनाकर घोटाला करने का आरोप लगाया था।
अध्यक्ष से लेकर परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया भाजपा की सरकार आने के बाद सीजीपीएससी के प्रभारी अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियाें को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर दूसरे अधिकारियों को लाया गया है।
भाजपा ने बनाया था चुनावी मुद्दा बता दें कि सीजीपीएससी में गड़बड़ी को लेकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था। साथ ही इसे मोदी की गारंटी में भी शामिल किया था कि भाजपा की सरकार आने के बाद इसकी सीबीआई जांच कराई जाएगी। सरकार बनते ही भाजपा ने पहले विधानसभा में सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की। फिर सीबीआई को जांच सौंप दी।