CG Sindur Khela: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में इस बार दशहरा पर्व के दिन शनिवार पड़ने से मां दुर्गा की विदाई का उल्लास कम जगहों पर रहा है। क्योंकि ऐसी मान्यता है, जिसका पालन कई समितियों ने किया, लेकिन रविवार को सुबह से बाजे-गाजे के साथ विसर्जन की धूम रही। उत्सव समितियां गुलाल उठाते हुए निकलीं।
CG Sindur Khela: शनिवार को बेटी विदा नहीं होती, दूसरे दिन दी भावभीनी विदाई
CG Sindur Khela: बंगाली कालीबाड़ी में सुहागिन माताएं और बहनों ने मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाया और आपस में एक-दूसरे को लगाकर सदा सुहागन का आशीर्वाद लिया। इसके साथ विदाई दी गई। मोहल्ले और कॉलोनियों से टोलियां जैसे ही खारुन नदी के विसर्जन कुंड के पास पहुंचती तो भाव छलक आता।
नौ दिनों तक सुबह-शाम आरती, पूजा भक्ति में लीन श्रद्धालुओं की आंखें विदाई में नम हो गई। महिलाओं और बहनों की टोलियां मां दुर्गा को मुख्य सड़कों तक छोड़ने पीछे-पीछे आईं। जैसे बेटी को विदा कर रही हों।
सांग-बाना के साथ गुलाल उड़ाते निकलीं टोलियां
दशहरा के दूसरे दिन भी जवारा विसर्जन का दौर चला। मां दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ ही सांग-बाना धारण किए सेवादारी निकले। इस दौरान बोरियाखुर्द से टिकरापारा रोड पर कई बार ट्रैफिक जाम हुआ। दोनों तरफ से विसर्जन का सैलाब महादेवघाट जाने निकला। इसी तरह शहर के अनेक स्थानों से मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन करने का सिलसिला सुबह से देर शाम तक जारी रहा।
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