पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा,
शराब घोटाले में ईडी ने 2021-22 में कार्रवाई शुरू की थी। तीन साल बाद कवासी लखमा की गिरतारी हुई। कवासी लखमा ने विधानसभा में विष्णु देव सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था, इसलिए बदले की भावना में उन पर कार्रवाई की गई है। कवासी लखमा ने पीडब्ल्यूडी विभाग के भ्रष्टाचार पर विधानसभा में सवाल पूछा था।
तारांकित प्रश्न था, उसका लिखित जवाब भी आया, मंत्री ने खुद स्वीकार किया कि प्रदेश में जब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी उस समय बिना विभाग की स्वीकृति के बिना टेंडर के पुल निर्माण करवा लिया गया। टेंडर उस दिन खुला जिस दिन कवासी ने सवाल लगाया था। बिना टेंडर के बिना स्वीकृति के आचार संहिता के समय पुल बन रहा था।
सरकार, दोषी अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय आठ दिन के भीतर ईडी ने कवासी लखमा और उनके परिवार के लोगों के यहां छापे मारे। छापे में कवासी लखमा के यहां एक रुपया भी नहीं मिला था। कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने सड़क मामले को उजागर किया। तब पत्रकार की
हत्या कर दी गई। मतलब यह है कि भ्रष्टाचार उजागर करेंगे तो ईडी गिरतार कर लेगी या मौत की नींद सुला दिया जाएगा यह स्थिति है।
CG Politics News: संविधान को नहीं मानते आरएसएस प्रमुख
भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत आरएसएस के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि, आजादी राम मंदिर निर्माण के बाद मिली। इसका मतलब वह संविधान को नहीं मानते। आजादी की लड़ाई में हमारे पुरखों ने लाखों की संख्या में जो लड़ाई लड़ी उसका ये अपमान है। आरएसएस को तिरंगा को भी अंगीकृत करने में 52 साल लग गए।