पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में लिखा है, फिर वही दौर लौट आया है। किसानों की चीख का शोर लौट आया है। किसान की आत्महत्या मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जांच समिति गठित की है। इसमें वरिष्ठ विधायक लखेश्वर बघेल को संयोजक बनाया गया है।
इसके अलावा सदस्य के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष संतराम नेताम, पूर्व विधायक चंदन कश्यप और नारायणपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रजनू नेताम शामिल हैं। बता दें कि कर्ज से परेशान कुकड़ाझोर के किसान हीरा बढ़ई ने आत्महत्या कर ली थी।
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने नारायणपुर जिले के ग्राम- कुकड़ाझोर में किसान हीरा बढ़ई की आत्महत्या की घटना को कांग्रेस के कुशासन का परिणाम करार दिया है। उन्होंने कहा, हम 5 साल से कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस ने किसानों को कर्ज के मकड़जाल में फांसकर आत्महत्या के लिए मजबूर किया है।
यह बेहद गंभीर विषय है कि कांग्रेस के राज में कर्ज में डूबकर निराश हुए किसान अब तक कांग्रेस के पाप भोग रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में अभी-अभी परिवर्तन हुआ है और कांग्रेस के राज में कर्ज में फंसे एक किसान ने आत्महत्या की है। कौशिक ने कहा, कांग्रेस की सरकार ने राज्य के किसानों के साथ धोखाधड़ी की। अन्याय की सारी सीमाएं लांघकर उन्हें काल के गाल में समाने के लिए छोड़ दिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कर्ज बोझ के कारण की गई किसान की आत्महत्या को दुखद और गंभीर बताया है। उन्होंने कहा, भाजपा की असंवेदनशीलता और वादाखिलाफी ने एक किसान को आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया। यदि भाजपा सरकार ने पहली कैबिनेट में 2 लाख तक कर्जा माफ कर दिया होता किसान को आत्महत्या नहीं करना पड़ता।
किसान हीरू बढ़ई के ऊपर 1.24 लाख का कर्ज था उसको कर्ज माफी का भरोसा था। उसके पुत्र की भी शादी थी। कर्ज वसूली के नोटिस से वह मानसिक दबाव में आ गया था। मृतक किसान के बेटे ने भी कहा कि भाजपा के लोग चुनाव प्रचार के दौरान 2 लाख रुपए कर्ज माफ करने की बात कहकर गए थे। सरकार के कर्जमाफी के निर्णय नहीं लेने से वह व्यथित थे।