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रायपुर

CG News: एम्स में MBBS के छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग, सेकंड ईयर स्टूडेंट के साथ गाली गलौज का आरोप

CG News: रायपुर एम्स में एमबीबीएस के 2023 बैच के छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। घटना 15-16 नवंबर की रात की बताई जा रही है।

रायपुरNov 29, 2024 / 10:45 am

Shradha Jaiswal

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CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर एम्स में एमबीबीएस के 2023 बैच के छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। घटना 15-16 नवंबर की रात की बताई जा रही है। इस दौरान एम्स में 14 से 17 नवंबर तक ओरियाना फेस्ट चल रहा था। इसमें डीजे, लाइव कन्सर्ट समेत कई प्रोग्राम हुए थे।
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CG News: घटना 15-16 दिसंबर की

CG News: हाल ही में पं. जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला आया था। इसमें एक छात्र को 10 दिनों व बाकी चार छात्रों को एक माह के लिए कॉलेज से सस्पेंड किया गया था। 2023 बैच के छात्र अब सेकंड ईयर में पहुंच गए हैं यानी वे सीनियर हो गए हैं। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि इसी बैच के छात्र-छात्राओं के साथ सीनियर छात्रों ने रैगिंग की।

वकील को शिकायत के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि सभी को आधी रात एक कमरे में बुलाया। वहां इंट्रोडक्शन से लेकर नाच-गाना करवाया गया। यही नहीं गाली-गलौज का भी आरोप है। इसके बाद आधी रात खेल ग्राउंड में उन्हें खुले में रखकर प्रताड़ित किया गया। अलसुबह उन्हें होस्टल में जाने दिया गया।
घटना के बाद कई छात्र-छात्राओं की हालत खराब हो गई। बताया जाता है कि छात्राें ने घटना की जानकारी अपने पैरेंट्स को भी नहीं दी है। ऐसे में उन्होंने मामले की जानकारी देने के लिए एक अलग ही कदम उठाया। मामले के खुलासे के बाद एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक होने की जानकारी है। इसमें दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

कमेटी को नहीं महिला अधिवक्ता को मेल से मामले का खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ, जब 2023 बैच के छात्रों ने राजधानी की एक महिला अधिवक्ता को घटना के बारे में मेल किया। इसके पहले छात्रों ने एम्स की एंटी रैगिंग कमेटी को कोई जानकारी नहीं दी। इसलिए मामले का खुलासा कुछ देर से हुआ है। दरअसल नेहरू मेडिकल कॉलेज हो या एम्स, छात्र रैगिंग की शिकायत कॉलेज की कमेटी को नहीं करते। उन्हें डर रहता है कि उनके नाम का खुलासा न हो जाए। नेहरू कॉलेज में भी छात्रों ने कमेटी के बजाय रैगिंग की शिकायत नेशनल हेल्पलाइन पर की।
वहां से मेल आने के बाद कॉलेज प्रबंधन सक्रिय हुआ था और आनन-फानन में एंटी रैगिंग की कमेटी की बैठक हुई और दोषी छात्रों को सस्पेंड किया गया। यही नहीं मामले में केवल एक छात्र को 10 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था। नेशनल कमेटी के आदेश के बाद दोषी बाकी चार छात्रों को भी एक-एक माह के लिए सस्पेंड किया गया।

2023 बैच के ही छात्राें ने कहा सीनियर पर लगे आरोप गलत

एम्स प्रबंधन का दावा है कि 2023 बैच के कुछ छात्रों ने ही एंटी रैगिंग कमेटी को मेल कर सीनियर पर लगे आरोप को गलत बताया है। मामले का खुलासा होने के बाद कमेटी को गुमनाम मेल मिला है। हालांकि इसमें मेल करने वाले की आईडी से समझ आ जाएगा कि मेल कहां से आया है? विशेषज्ञों के अनुसार घटना के खुलासे के बाद 2023 बैच या किसी अन्य छात्राें से गुमनाम मेल करवाया जा सकता है। दरअसल रैगिंग की घटना से एम्स की छवि खराब होगी। ऐसे में ये मेल भी सवालों के घेरे में है। हालांकि प्रबंधन का दावा है कि इस मेल के बाद भी मामले की जांच की जा रही है।
पीआरओ एम्स डॉ. मृत्युंजय राठौर की रायपुर एम्स में रैगिंग के प्रति जीरो टालरेंस की नीति है। 2023 बैच के कुछ छात्रों ने एंटी रैगिंग कमेटी को गुमनाम मेल कर सीनियर्स पर लगे आरोपों को गलत बताया है। फिर भी मामले की जांच कराई जा रही है। दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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