scriptCG Navratri: पहली बार दशहरा पर विदा नहीं होंगी मां दुर्गा और न बंगाली महिलाएं खेलेंगी सिंदूर होली, जानें वजह | CG Navratri: For the first time, Maa Durga will not bid farewell | Patrika News
रायपुर

CG Navratri: पहली बार दशहरा पर विदा नहीं होंगी मां दुर्गा और न बंगाली महिलाएं खेलेंगी सिंदूर होली, जानें वजह

CG Navratri: रायपुर शहर में दुर्गा पूजा उत्सव से शहर शक्ति की भक्ति में सराबोर है। जगह-जगह गरबा और जसगीत की धूम है। शहर का माहौल रतजगा जैसा है।

रायपुरOct 09, 2024 / 01:04 pm

Shradha Jaiswal

cg durga maa
CG Navratri: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में दुर्गा पूजा उत्सव से शहर शक्ति की भक्ति में सराबोर है। जगह-जगह गरबा और जसगीत की धूम है। शहर का माहौल रतजगा जैसा है। झांकियों में अनेक रूपों में विराजी मां दुर्गा के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। पंचमी तिथि मां भगवती का विशेष शृंगार और महाआरती की गई।
CG Navratri: कन्या पूजन और भोज कराने का भी सिलसिला शुरू हुआ है। ऐतिहासिक बंगाली कालीबाड़ी में पहली दशहरा पर्व के दिन न सिंदूर खेला होगा और न ही मां दुर्गा की विदाई। नवरात्र पर्व की महाषष्ठी तिथि बुधवार से बंगाली समाज में दुर्गा पूजा की धूम शुरू होने जा रही है। इस बार अष्टमी तिथि कम हुई और नवमी तिथि बढ़ी है। इसलिए दोनों तिथियों की युति में दुर्गा महाअष्टमी मनेगी।
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CG Navratri: वार्ड 35 में पांव पखार कन्या पूजन किया

पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड 35 के पार्षद एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी ने पांव पखार कर कन्याओं का पूजन किया और उन्हें भोजकर आशीर्वाद लिया। निगम में संस्कृति विभाग के अध्यक्ष आकाश तिवारी ने बताया कि 501 कन्याओं का पूजन एवं महाप्रसादी पंचमी पर ग्रहण कराकर पूजा उत्सव मनाया।
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मोवा हर्ष विहार कॉलोनी में 17वां दुर्गा पूजा : मोवा हर्ष विहार कॉलोनी में इस वर्ष 17वां दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। पंचमी पर माता रानी को 56 भोग अर्पित किए गए और कॉलोनी की महिलाओं ने भव्य धुनुची नृत्य प्रस्तुत किया।

बंगाली कालीबाड़ी का यह 92वां दुर्गा पूजा उत्सव की भव्य तैयारी

बंगाली पूजा उत्सव समिति के अध्यक्ष प्रवीर सेन शर्मा ने बताया कि महाषष्टी तिथि पर बुधवार शाम से समाज के लोगों द्वारा कई जगह एक साथ पूजा उत्सव शुरू होगा। बंगाली कालीबाड़ी का यह 92वां दुर्गा पूजा उत्सव की भव्य तैयारी की गई है। कोलकाता से ढपुली वाले और पुरोहित पहुंच गए हैं।
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परंपरा के अनुसार खिचड़ी का भोग प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार दशहरा पर्व के दिन शनिवार पड़ रहा है। चूंकि पारंपरिक रूप से हमारा समाज मां दुर्गा को बेटी के रूप में पूजता है, इसलिए न तो महिलाएं सेंदूर खेलेंगी और न ही मां दुर्गा की विदाई करेंगे। बल्कि अगले दिन 13 अक्टूबर को यह उत्सव मनेगा।

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