CG Monsoon 2024: छत्तीसगढ़ में पूरा हाेने को हैं मानसून का कोटा,अब तक सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा वर्षा, देखें किस जिले में हुई कितनी बारिश…
Raipur News: रायपुर में 21 जून को मानसूनी बारिश हुई। प्रदेश के 33 जिलों में केवल 5 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। ये जिले बेमेतरा, दुर्ग, जशपुर, सारंगढ़ व सरगुजा है।
Raipur News: प्रदेश में 92 दिनों में 966.2 मिमी मानसूनी बारिश हो चुकी है। ये सामान्य से चार फीसदी ज्यादा है। सितंबर में ज्यादा बारिश की उम्मीद नहीं है। दरअसल इस माह कम बारिश होने का ट्रेंड पिछले कई सालों से रहा है। हालांकि प्रदेश में मानसूनी सीजन में 1050 से 1100 मिमी बारिश का औसत है। इस हिसाब से 30 सितंबर तक मानसून का कोटा पूरा होने की पूरी संभावना है। अब मानसून केवल एक माह का मेहमान है। छत्तीसगढ़ में सितंबर में ज्यादा पानी नहीं गिरने का ट्रेंड है।
यह भी पढ़ें: Monsoon 2024: छत्तीसगढ़ में बना लो प्रेशर कराएगा ताबड़तोड़ बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी इसके बावजूद इस सीजन का मानसून का कोटा पूरा हो जाएगा। प्रदेश में मानसूनी बारिश 1 जून से 30 सितंबर तक होती है। मौसम विभाग भी इस दरमियान हुई बारिश को मानसूनी मानता है। इस साल मानसून ने बस्तर में 8 जून को दस्तक दे दी थी। वहीं रायपुर में 21 जून को मानसूनी बारिश हुई। प्रदेश के 33 जिलों में केवल 5 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। ये जिले बेमेतरा, दुर्ग, जशपुर, सारंगढ़ व सरगुजा है।
केवल दो जिलों बीजापुर व बलरामपुर में अतिभारी बारिश हुई है। बीजापुर में तो पूरे प्रदेश में हुई बारिश से दोगुनी से ज्यादा वर्षा हो चुकी है। जबकि बलरामपुर में लगभग डेढ़ गुना पानी गिरा है। सबसे कम बारिश बेमेतरा में 43, सरगुजा में 40 फीसदी कम वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि 26 जिलों में सामान्य बारिश होने से किसानों को बड़ी राहत है।
दो दिनों में एकाध जगहों पर अतिभारी बारिश के आसार
प्रदेश में मंगलवार तक एक-दो स्थानों पर भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी आंध्र प्रदेश व दक्षिण ओडिशा के तटों के पास पश्चिम मध्य व उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके असर से प्रदेश में व्यापक वर्षा होगी। रायपुर में भी सोमवार को गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार है।
प्रदेश में बिजली गिरने से लगातार हो रही मौत
प्रदेश में मानसूनी सीजन में सबसे ज्यादा बारिश होती और इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से लोगों के साथ मवेशियों की भी मौत होती है। एक अनुमान के अनुसार अभी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े रहना सबसे ज्यादा खतरनाक है। खुले में रहने से भी खतरा रहता है।
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