CG Medical College: उठ रहे सवाल, पहली कार्रवाई में आरोपी छात्र को किया बाहर, दूसरी में 5 छात्र सस्पेंड
CG Medical Student Suspended: रायपुर में पं.जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग में लिप्त छात्रों की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी की नाराजगी के बाद 11 नवंबर को सेकंड ईयर के 5 छात्रों को कॉलेज से एक माह के लिए सस्पेंड किया गया है।
CG Medical College: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पं.जवाहरलाल नेहरू सरकारी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग में लिप्त छात्रों की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल एंटी रैगिंग कमेटी ने 4 नवंबर को इस मामले में सेकंड ईयर के छात्र दीपराज वर्मा को 10 दिनों के लिए कॉलेज से सस्पेंड किया था। इस मामले में नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी की नाराजगी के बाद 11 नवंबर को सेकंड ईयर के 5 छात्रों को कॉलेज से एक माह के लिए सस्पेंड किया गया है। इसमें दीपराज का नाम नहीं है। छात्र का नाम कार्रवाई से क्यों हटाया गया, यह जांच का विषय है।
CG Medical College: कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की आपात बैठक
CG Medical College: एंटी रैगिंग हेल्पलाइन नंबर में 8 नवंबर शुक्रवार को प्राप्त शिकायत के आदेश के बाद सोमवार को कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की आपात बैठक हुई। इसमें रैगिंग में दोषी पाए जाने पर सेकंड ईयर यानी 2023 बैच के अंशु जोशी, अक्षत जायसवाल, विकास टंडन, गौरव चंद्र महाली व आयुष गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस आदेश में दीपराज का नाम गायब है। अगर ये आदेश अलग-अलग माना जाए तो एक ही मामले में एक छात्र को 10 दिन की सजा व बाकी 5 छात्रों को एक माह की सजा दी गई है।
हालांकि पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि एंटी रैगिंग कमेटी ने जिस छात्र को 10 दिन के लिए सस्पेंड किया गया था, उस पर नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी ने सवाल उठाए थे। इसके बाद ही कॉलेज प्रबंधन को एंटी रैगिंग कमेटी की आपात बैठक बुलानी पड़ी और 5 छात्रों को एक माह के लिए क्लास व क्लीनिकल पोस्टिंग से बाहर किया गया है। यानी 4 नवंबर को हुई कार्रवाई को शून्य कर दिया गया है और छात्र कार्रवाई से बाहर हो गया है। ये किसलिए किया गया है, कॉलेज में चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्रिका के पास दोनों आदेश की कॉपी है।
फर्स्ट ईयर के लिए हॉस्टल नहीं, बाहर रहना पड़ रहा भारी
मेडिकल कॉलेज में फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए फिलहाल कोई हॉस्टल नहीं है। कॉलेज प्रबंधन हॉस्टल की तलाश में है। पुराने हॉस्टल टूट गए हैं और नया बन रहा है। छात्रों का बाहर रहना भारी पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज से जुड़े पूर्व सीनियर फैकल्टी के अनुसार हॉस्टल नहीं होने से सीनियर छात्र जूनियर यानी फर्स्ट ईयर के छात्रों को एक जगह एकत्रित किया जाता है।
यहां पर 5-6 घंटे खड़े किया जाता है। मारपीट भी की जाती है। वहीं छात्रों के घेरे के बीच में शराब रखी जाती है और जूनियरों से इसे चखने कहा जाता है। एक छात्र ने तो छात्राओं से अपनी फोटो व्हाट्सऐप पर भेजने के लिए कहा था। बाद में इसे यह बताया गया कि फंक्शन के कारण ऐसा मैसेज किया गया था।
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