CG Electricity News: 2 रुपए के बदले देंगे 20,000 करोड़ का राजस्व, बिजली बिल कम करने उद्योगपतियों ने सरकार को लिखा पत्र
CG Electricity News: रायपुर में उद्योगपतियों ने बिजली बिल में 2 रुपए प्रति यूनिट की राहत देने पर राज्य सरकार को 20000 करोड़ का राजस्व देने की बात कही है।
CG Electricity News: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में उद्योगपतियों ने बिजली बिल में 2 रुपए प्रति यूनिट की राहत देने पर राज्य सरकार को 20000 करोड़ का राजस्व देने की बात कही है। मुख्यमंत्री विष्णदेव साय को पत्र लिखकर आश्वासन दिया है कि बिजली दर प्रति यूनिट 5 रुपए करने पर राज्य के राजस्व को 10 फीसदी बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपए का योगदान देंगे।
CG Electricity News: देशभर में ओडिशा के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक इस्पात का उत्पादन
CG Electricity News: इससे राज्य को अतिरिक्त आय के साथ ही विकास कार्यो के लिए सहयोग मिलेगा। साथ ही, उत्पादन में इजाफा होने से अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि बिजली बिल में 25 फीसदी का इजाफा करने से लागत 2,500 रुपए प्रति टन बढ़ गई है। इसके चलते अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में स्टील की कीमतों में 2 रुपए प्रतिकिलो कीमत बढ़ गई है। इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल के साथ ही बिजली की उपलब्धता होना जरूरी है।
देशभर में ओडिशा के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक इस्पात का उत्पादन होता है। इसके लिए ओडिशा में उद्योगपतियों को करीब 5 रुपए से 5.30 पैसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड को 5 रुपए प्रति यूनिट के दर से बिजली मिल रही है। जबकि, देशभर में दूसरे स्थान पर स्टील का उत्पादन करने वाले छत्तीसगढ़ के उद्योगों को 7 रुपए से 8.50 पैसा की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके चलते अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी से बाहर होते जा रहे है।
बिजली के सबसे बड़े उपभोक्ता
स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि राज्य में उत्पादित कुल बिजली का वह सबसे बडे़ उपभोक्ता है। उत्पादन का 50 फीसदी उपयोग उनके द्वारा किया जाता है। बिजली बिल में इजाफा होने से उत्पादन कम होने पर राज्य सरकार के साथ ही उन्हें भी नुकसान होगा। वहीं इस्पात के दाम में बढ़ेगे।
कहा- बिजली बिल में इजाफे से कारोबारी कर सकते हैं दूसरे राज्यों की ओर रूख
उद्योगपतियों का कहना है कि लागत बढ़ने और कारोबारी मंदी के चलते इस समय उत्पादन 50 फीसदी ही रह गया है। अधिकांश फैक्ट्रियों के संचालक नुकसान से बचने के लिए स्थानीय डिमांड के अनुसार कारोबार कर रहे है। बिजली बिल में राहत दिए जाने पर राज्य के औद्योगिकीकरण तेज गति के साथ ही नई औद्योगिक नीति के तहत भविष्य में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही पूंजी निवेश में करीब 25-30 फीसदी की वृद्धि होगी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि उद्योगपतियों को राहत नहीं मिलने पर वह दूसरे राज्यों का रूख कर सकते है। बता दें कि राज्य में करीब 600 से 800 इस्पात इकाइयां हैं। इनमें से 50 से 100 इकाइयों ने इस वर्ष ही उत्पादन शुरू किया है।
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