सरकारी शराब में मिलावट किए जाने के मामले में कलेक्टर सख्त, दिए जांच के आदेश, वीडियो हुआ था वायरल
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में करीब 7 घंटे तक तीन बैठकें हुई। ज्यादातर बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष बैज सिर्फ पदाधिकारियों को सुनने की भूमिका में नजर आए। पहली बैठक में करीब दो दर्जन से अधिक संयुक्त महामंत्री और सचिवों ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा, ज्यादातर मंत्रियों से मुलाकात ही नहीं होती थी। राजीव भवन में मंत्रियों का आना बंद हो गया था। इसका नुकसान उठाना पड़ा। हार के लिए बड़े नेता जिम्मेदार हैं। सत्ता मिलने के बाद संगठन को महत्व ही नहीं दिया गया। जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछ-परख नहीं रह गई थी।
जिनको सुनना था वो चले गए
राजधानी की 88 दुकानों से 18 हजार क्विंटल चावल गायब, सिर्फ 89 सौ क्विंटल ही हुई वसूली
जिलाध्यक्षों ने भी खरा-खरा बोला जिलाध्यक्षों की बैठक में सत्ता और संगठन को लेकर खुलकर नाराजगी देखने को मिली। जिलाध्यक्ष ने भितरघात करने वालों की जमकर शिकायत की। (congress party) बिलासपुर और महासमुंद के जिलाध्यक्षों ने खुलकर अपनी बातों को रखा। बिलासपुर महापौर वायरल के ऑडियो का मुद्दा भी उठा। इस बात पर भी आपत्ति जताई गई कि उन्हें अभी तक नहीं हटाया गया है। (cg congress) उनका कहना था कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने काम नहीं किया है।