कांग्रेस पर आरक्षण की राजनीति करने का आरोप
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा की कांग्रेस आरक्षण की राजनीति कर रही है। आरक्षण की घोषणा करने से पहले सरकार को रोजगार को बढ़ावा देना चाहिए था। बिना रोजगार के दिया गया आरक्षण किस काम का है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को आरक्षण को लेकर नई घोषणा तो कर दी, लेकिन प्रदेश में 2200 से ज्यादा पुलिस पदों पर होने वाली भर्ती को सरकार ने रद्द कर दिया और उसके बदले केवल 814 पदों पर ही भर्ती करने के आदेश दिए हैं। पुलिस विभाग की भर्ती रद्द किए जाने की बात को लेकर वो आने वाले समय में आंदोलन भी करेंगे।जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,फिर देखना फिजूल है कद आसमान का, कुछ ऐसा ही जज्बा…
कांग्रेस कर रही आउटसोर्सिंग रोकने का प्रयास
भाजपा के सवालों के जवाब में कांग्रेस के नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि राज्य सरकार ने 15 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली है और इसके साथ ही 814 पदों पर पुलिस भर्ती के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा आने वाले समय में पुलिस में और भी भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में आउटसोर्सिंग रोकने के लिए प्रयास कर रही है।Yellow Alert : छत्तीसगढ़ के इन जिलों में फिर होगी आफत वाली बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतवानी
केंद्र में भी गर्मायी राजनीति
मोहन भावत (Mohan Bhagwat) के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान के बाद केंद्र की राजनीति भी गरमा गयी है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए। भागवत के इस बयान को लेकर विपक्ष ने आरएसएस (RSS) के साथ भाजपा पर भी तीखा हमला बोला है।भारत में आरक्षण की वर्तमान स्थिति
भारत में फिलहाल अनुसूचित जाति को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसदी, ओबीसी यानी पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. बाकी बची 40.5 फीसदी नौकरियां सामान्य जातियों के लिए हैं।