भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना कहा- कांग्रेस कर रही है आरक्षण की राजनीति
15 साल बाद सत्ता में आयी कांग्रेस ने भी विधासनभा चुनाव के दौरान शराब बंदी का वादा किया था। जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला। फिलहाल चुनाव जितने के बाद से अब तक उसने इस दिशा में कुछ खास प्रयास नहीं किया है। विपक्ष सरकार को आये दिन इस मुद्दे पर घेरने की राजनीति करती रहती है।लेकिन इस सब से परे एक नेता ऐसा भी है जिसने बिना शोर शराबे के आदिवासियों से शराब छुड़वाने के लिए जो प्रयास किया है वो सराहनीय है।जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,फिर देखना फिजूल है कद आसमान का, कुछ ऐसा ही जज्बा…
अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आदिवासियों का शराब छुड़वाने के लिए पिछले 50 साल से मुहीम छेड़ रखा है। यही नहीं उन्होंने अपने इस मुहीम को पूरा करने के लिए पिछले 49 साल से नामक खाना भी छोड़ दिया है।गेस्ट हाउस में जुआ खेलते पकडे गए विधायक के भाई, पुलिस को दिखाने लगे रुआब और फिर…
इस दौरान उन्होंने देखा कि शराब की वजह से हजारों लोगों की की जिंदगी बर्बाद हो रही है। इस लत की वजह से कई परिवार तबाह हो रहे हैं। यहाँ तक की इस लत के कारण लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। लोगों की इस तकलीफ के कारण उन्होंने लोगों के शराब की लत को छुड़वाने के लिए प्रयास करना शुरू किया।नंदकुमार साय ने सुनाई कहानी
सन 1970 में जशपुर के ही एक गांव में शराब बंदी के लिए बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने शराबबन्दी और शराब छोड़ने के मुद्दे पर नंदकुमार साय से कहा कि आपके तमाम प्रयास के बाद भी लोग शराब नहीं छोड़ रहे है। तो उन्होंने कहा की ऐसा क्या किया जाय की लोग शराब पीना छोड़ दें।ससुराल आये पति के साथ पत्नी के पुराने आशिक ने जो किया, जान रह जाएंगे हैरान
ग्रामीणों ने कहा कि अगर अगर कोई व्यक्ति नमक का त्याग कर देता तो उसे आदर्श मानकर सारे ग्रामीण शराब छोड़ देंगे।तब से अबतक नंदकुमार साय ने नमक नहीं खाया और पिछले 49 साल से लगातार शराबबंदी के लिए प्रयासरत हैं। उनका मानना है की मजबूत इक्षाशक्ति हो तो बिहार और गुजरात की तरह छत्तीसगढ़ में भी शराबबंदी को सफल बनाया जा सकता है।