सांठगांठ का बंद हो खेल, जांच की मांग भाजपा पार्षद दल ने महापौर और उनकी जांच कमेटी की सांठगांठ के खेल को बंद करने की मांग करते हुए यूनीपोल भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच शासन स्तर से कराने पर जोर दिया। भाजपा पार्षद दल ने सभापति प्रमोद दुबे से विशेष सामान्य सभा बुलाने की बात कही। (Raipur Breaking News) इस दौरान मनोज वर्मा, मृत्युंजय दुबे, प्रमोद साहू, विनोद अग्रवाल, सरिता वर्मा, सीमा संतोष साहू सहित कई भाजपा पार्षद मौजूद रहे।
जांच कमेटी के अध्यक्ष स्वयं महापौर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि सुनियोजित तरीके से निगम में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। अगर यूनीपोल में भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं तो तथ्यात्मक जानकारी के साथ रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं करा रहे हैं? (Raipur News Update) आश्चर्य ये है कि जांच कमेटी में भी महापौर स्वयं अध्यक्ष बने हुए हैं और अपने करीबियों को सदस्यों रखे हैं, तो ऐसी जांच कमेटी संदेह के दायरे में है।
टेंडर शर्तों में किया था बदलाव बता दें कि कार्यपालन अभियंता अग्रवाल 20 वर्षों से रायपुर नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर थे। वे पिछले 5 सालों से नगर निवेशक के पद पर पदस्थ थे। उन्हीं के कार्यकाल में यूनीपोल एजेंसियों को लाभ पहुंचाने टेंडर शर्तों में बदलाव का मामला सामने आया। (Raipur News today) महापौर एजाज ढेबर ने यूनीपोल ठेका अवधि बढ़ाने, यूनीपोल की साइज बढ़ाने को लेकर 27 करोड़ का भ्रष्टाचार अधिकारियों द्वारा किए जाने के मामले को सार्वजनिक किया। इस मामले में महापौर ढेबर ने अपनी अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच शुरू की।
जांच कमेटी में दो अपर आयुक्तों सहित नगर निवेशक विभाग के अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन, नगर निवेशक बीआर अग्रवाल सदस्य के रूप में शामिल थे। (Raipur News in hindi) जांच कमेटी की दो बार बैठकें हुई। इसके बाद नगर निवेशक अग्रवाल के तबादला का आदेश जारी हुआ है। वहीं सहायक अभियंता आभास मिश्रा को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग संचालनालय में भेजा गया है।
जांच प्रभावित नहीं होने का दावा यूनीपोल घोटाले की जांच के बीच नगर निवेशक विभाग के दो इंजीनियरों के तबादले पर नगर निगम में नगर निवेशक विभाग के अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन का कहना है कि जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चूंकि यह मामला काफी चर्चित होने के कारण शायद शासन ने स्वत: ही संज्ञान में लिया है। इसलिए दोनों इंजीनियरों को निगम से हटाया गया है। (CG Breaking News) जरूरत पड़ने पर जांच कमेटी उन्हें बुलाकर पूछताछ कर सकेंगी। क्योंकि पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करने में अभी काफी समय लगेगा।