scriptRaipur Traffic Issue: रायपुर की इस सड़क में अरबों रुपए लगा दिए, फिर भी ट्रैफिक बदहाल, मंडरा रहा हादसे का खतरा… | Billions of rupees have been invested in this road of Raipur, yet the traffic is in bad shape | Patrika News
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Raipur Traffic Issue: रायपुर की इस सड़क में अरबों रुपए लगा दिए, फिर भी ट्रैफिक बदहाल, मंडरा रहा हादसे का खतरा…

Raipur Traffic Issue: पचपेडीनाका-शदाणी दरबार तक ट्रैफिक दो से तीन गुना तक बढ़ा है। इस नेशनल हाइवे पर देवपुरी में फल-सब्जी और डूमरतराई थोक बाजार है। वहीं दोनों तरफ बसाहट भी तेजी से बढ़ रही।

रायपुरSep 16, 2024 / 12:16 pm

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Raipur Traffic Issue:
Raipur Traffic Issue: राजधानी से जगदलपुर मुख्य सड़क पर पचपेडीनाका-शदाणी दरबार तक ट्रैफिक दो से तीन गुना तक बढ़ा है। इस नेशनल हाइवे पर देवपुरी में फल-सब्जी और डूमरतराई थोक बाजार है। वहीं दोनों तरफ बसाहट भी तेजी से बढ़ रही। बड़े-बड़े व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स और कॉलोनियां डेवलप हुईं। ऐसे में धमतरी, गरियाबंद और जगदलपुर जैसे क्षेत्रों के लिए मिनी, लग्जरी बसें और भारी-भरकम ट्रकों का ऐसा दबाव कि छोटे वाहनों पर खतरा मंडराया है। इन स्थितियों में ही भारी ट्रैफिक के बीच आम लोगों की आवाजाही होती है।
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हैरानी कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार पर पूरा जोर लगा रहे हैं। वहीं उनके विभाग के ही क्षेत्रीय अधिकारी आम लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा रहे हैं। पचपेड़ीनाका-जगदलपुर नेशनल हाइवे-30 रोड है। बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए साल 2015-16 में नेशनल हाइवे से एनओसी लेकर इस सड़क का चौड़ीकरण पीडब्ल्यूडी के राष्ट्रीय राजमार्ग ने कराया। लेकिन, हाइवे रोड के मानक के अनुसार सर्विस रोड का निर्माण नेशनल हाइवे के क्षेत्रीय अधिकारियों का कराना था।
इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरा कराने के बाद पूरा जोर इस बात पर लगाया जा रहा है कि उस प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया जाए। ताकि प्रभावितों को मुआवजा न देना पड़े, भले ही खतरे के बीच ट्रैफिक मूवमेंट होता रहे।

खुद के जाल में फँसे जिम्मेदार

नेशनल हाइवे सड़क के नियम के अनुसार सर्विस रोड का अनिवार्य है। इसके लिए पचपेड़ीनाका से शदाणी दरबार तक टिकरापारा, देवपुरी, डूमरतराई और बोरियाकलां के लोगों की इस सड़क के दोनों तरफ 18 जुलाई 2016 में भूअर्जन भी कराया, लेकिन जब सर्विस रोड बनाने और लोगों को मुआवजा देने की राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रियी अधिकारी आनाकानी पर उतरे, परंतु अब वे उसी कानूनी दांव-पेंच में फंस गए हैं। क्योंकि, भूअर्जन का अवार्ड पारित होने के बाद फिर एनएच-एक्ट में वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। फिर भी आनाकानी में ही पूरा जोर है।

हाईकोर्ट से मिली चुकी है करारी शिकस्त

कलेक्ट्रेट के राजस्व विभाग के अनुसार पचपेड़ीनाका से शदाणीदरबार 6 किमी तक सर्विस रोड निर्माण अनिवार्य है। इसी के तहत एनएचएआई के क्षेत्रिय अधिकारियों ने भूअर्जन की पूरी प्रक्रिया कराया। अवार्ड भी पारित हो गया, जिसे एनएचएआई के अधिकारियों ने वापस करने (डि-नोटिफिकेशन) के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाया, जिसे 2023 में न्यायालय ने खारिज कर दिया। क्योंकि, एनएच के एक्ट में ही अवार्ड पारित होने के बाद जमीन वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।

इतनी राशि प्रभावितों को भुगतान किया जाना है

टिकरापारा : 260 करोड़ 41 लाख 48 हजार 512 रु.
देवपुरी : 139 करोड, 70 लाख 45 हजार 564 रु.
डूमतराई : 163 करोड, 81 लाख, 74 हजार 267 रु.
बोरियाकलां : 27 करोड, 78 लाख, 48 हजार 984 रु.
एनएचएआई पीडी पंकज ओझा ने कहा नेशनल हाइवे पर सर्विस रोड बनाने का नियम है। पचपेडीनाका-शदाणी दरबार तकअवार्ड पारित होने के बाद डि-नोटिफिकेशन कराने की याचिका हाईकोर्ट से खारिज हुई है, अपीलीय अदालत में मामला है।

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