Chhattisgarh: राज्यपाल से की जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष ने इसे लेकर उन्होंने राज्यपाल को पत्र भी लिखा है। (
Chhattisgarh ) उन्होंने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए और जिम्मेदारी तय कर अपने स्तर से समुचित कार्रवाई करें।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि धान की सुरक्षा एवं रखरखाव का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होता है। 2 सितम्बर 2024 की स्थिति में यह पाया गया कि कुल 25 लाख 93 हजार 880 क्विंटल धान की मीलिंग नहीं हो सकी थी। आगे पड़ताल करने पर यह पाया गया कि उक्त मात्रा में से 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान तो विभिन्न खरीदी केन्द्रों पर शेष बताया जा रहा है तथा 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान राज्य सहकारी विपणन संघ के विभिन्न संग्रहण केंद्रों पर शेष बताया जा रहा है।
यह एक बड़ी छति है.. नेता प्रतिपक्ष उनका दावा है कि कुल 25 लाख 93 हजार 880 क्विंटल धान, जिसका लागत मूल्य मूल्य 4000 प्रति क्विंटल की दर से 1037 करोड़ 55 लाख रुपए होता है, खराब हो चुका है। यह एक बड़ी क्षति है, जो धान के सुरक्षा और रखरखाव में घोर उपेक्षा के कारण हुई है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने के पश्चात इतनी बड़ी मात्रा में धान कभी भी खराब नहीं हुआ था।